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नज़्म
ज़ेहन ओ दिल का फ़ासला तय करते करते हाँप जाए
वुसअत-ए-अर्ज़-ओ-समा इक दीदा-ए-हैरान है
इफ़्तिख़ार आज़मी
नज़्म
नसीर प्रवाज़
नज़्म
मैं ख़ुदावंद हूँ उस वुसअत-ए-बे-पायाँ का
मौज-ए-आरिज़ भी मिरी निकहत-ए-गेसू भी मिरी
साहिर लुधियानवी
नज़्म
मंतिक़ा से मंतिक़ा तक ऐ सुबुक-पर्वाज़-शौक़
वुसअ'त-ए-औज-ए-फ़लक पर है जो तेरा राहबर
सुरूर जहानाबादी
नज़्म
भला मिर्रीख़ पर जाने का ये अज़्म-ए-जवाँ क्या है
मुझे भी कुछ बताओ उन का अंदाज़-ए-बयाँ क्या है
अंजुम आज़मी
नज़्म
मुहीत-ए-वुसअ'त-ए-गेती मोहब्बत है मोहब्बत है
मोहब्बत एक तोहफ़ा है मोहब्बत एक दौलत है