आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".nod"
नज़्म के संबंधित परिणाम ".nod"
नज़्म
हवस ने कर दिया है टुकड़े टुकड़े नौ-ए-इंसाँ को
उख़ुव्वत का बयाँ हो जा मोहब्बत की ज़बाँ हो जा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
तिरे सोफ़े हैं अफ़रंगी तिरे क़ालीं हैं ईरानी
लहू मुझ को रुलाती है जवानों की तन-आसानी
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
किस की नौ-मीदी पे हुज्जत है ये फ़रमान-ए-जदीद
है जिहाद इस दौर में मर्द-ए-मुसलमाँ पर हराम
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
तो तेरी निगाहों में वो ताबनाकी
थी मैं जिस की हसरत में नौ साल दीवाना फिरता रहा हूँ
नून मीम राशिद
नज़्म
हिजाब-ए-फ़ित्ना-परवर अब उठा लेती तो अच्छा था
ख़ुद अपने हुस्न को पर्दा बना लेती तो अच्छा था
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
शराब-ए-रूह-परवर है मोहब्बत नौ-ए-इंसाँ की
सिखाया इस ने मुझ को मस्त बे-जाम-ओ-सुबू रहना
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
ख़त्म हो जाएगा लेकिन इम्तिहाँ का दौर भी
हैं पस-ए-नौह पर्दा-ए-गर्दूं अभी दौर और भी
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
हर आन यहाँ सहबा-ए-कुहन इक साग़र-ए-नौ में ढलती है
कलियों से हुस्न टपकता है फूलों से जवानी उबलती है