आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".zhe"
नज़्म के संबंधित परिणाम ".zhe"
नज़्म
है ''ज़'' बाज़ार में तो दरमियाँ 'ज़रयून' में अव्वल
तो ये इब्राफ़नीक़ी खेलते हर्फ़ों से थे हर पल
जौन एलिया
नज़्म
रहे शान-ए-तलाक़त लफ़्ज़-ओ-मा'नी हैं कि गुल-बूटे
ज़हे औज-ए-हज़ाक़त जान दे दी मुर्दा हिकमत को
अलम मुज़फ़्फ़र नगरी
नज़्म
ऐ ज़हे शौकत तिरी जमुना ज़हे एज़ाज़-ओ-शॉं
तुझ पे लहराया किया इस्लाम का सदियों निशाँ
सुरूर जहानाबादी
नज़्म
दर्द-ए-उल्फ़त यूँही था रग रग में सारी हाए हाए
क्यूँ लगाया फिर वफ़ा का ज़ख़्म-ए-कारी हाए हाए
ज़े ख़े शीन
नज़्म
तैरते रहना ख़ला में दिल-लगी समझा है वो
आदमी ख़ुद को ज़े-फ़र्त-ए-सादगी समझा है वो