आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "KHaama"
नज़्म के संबंधित परिणाम "KHaama"
नज़्म
मुझे इक़रार है ये ख़ेमा-ए-अफ़्लाक का साया
उसी की बख़्शिशें हैं उस ने सूरज चाँद तारों को
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
शीर-ए-गुल के मू-क़लम से ख़ामा-ए-मानी ख़जिल
इस की तस्वीरों में है बेताब पंजाबन का दिल
अर्श मलसियानी
नज़्म
ख़ामा-ए-क़ुदरत के पा-ए-ढब शफ़क़ के रंग में
सर-ब-सर डूबे हुए हैं सब शफ़क़ के रंग में
बिस्मिल इलाहाबादी
नज़्म
किया अफ़्साना दुनिया का सुपुर्द-ए-ख़ामा जब मैं ने
तो अफ़्सूँ दीन-ए-क़य्यिम का नज़र बैनस्सुतूर आया
ज़फ़र अली ख़ाँ
नज़्म
दो-जहाँ में है लक़ब ख़ामा-ए-क़ुदरत तेरा
अल्लह अल्लाह ये है पाया-ए-रिफ़अत तेरा
मास्टर बासित बिस्वानी
नज़्म
ऐ 'सबा' ऐ ख़ामा-बरदार-ए-गुलिस्तान-ए-अदब
बिन तिरी शिरकत के महफ़िल में बनी है बात कब
सफिया अंकोलवी
नज़्म
ख़ामा-ए-‘इश्क़-ए-वतन से खींच कर नक़्श-ओ-निगार
लौह-ए-दिल पर क़ौम की मूरत बनानी चाहिए
बाबू मुर्ली धर
नज़्म
आ कि वाबस्ता हैं उस हुस्न की यादें तुझ से
जिस ने इस दिल को परी-ख़ाना बना रक्खा था
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
तुम हो आपस में ग़ज़बनाक वो आपस में रहीम
तुम ख़ता-कार ओ ख़ता-बीं वो ख़ता-पोश ओ करीम