आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bunge"
नज़्म के संबंधित परिणाम "bunge"
नज़्म
कनार अज़ ज़ाहिदाँ बर-गीर ओ बेबाकाना साग़र-कश
पस अज़ मुद्दत अज़ीं शाख़-ए-कुहन बाँग-ए-हज़ार आमद
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
क्या बुग़चे ताश मोशज्जर के क्या तख़्ते शाल दोशालों के
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
गूँजती है जब फ़ज़ा-ए-दश्त में बाँग-ए-रहील
रेत के टीले पे वो आहू का बे-परवा ख़िराम
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
ये हर इक सम्त पुर-असरार कड़ी दीवारें
जल-बुझे जिन में हज़ारों की जवानी के चराग़
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
निशान-ए-बर्ग-ए-गुल तक भी न छोड़ उस बाग़ में गुलचीं
तिरी क़िस्मत से रज़्म-आराइयाँ हैं बाग़बानों में
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
गर्द से पाक है हवा बर्ग-ए-नख़ील धुल गए
रेग-ए-नवाह-ए-काज़िमा नर्म है मिस्ल-ए-पर्नियाँ