आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dard-e-be-davaa"
नज़्म के संबंधित परिणाम "dard-e-be-davaa"
नज़्म
सुकून-ए-दिल भी है और दर्द-ए-बे-मुदावा है
किसी जनम की मोहब्बत का क्या ये तोहफ़ा है
बनो ताहिरा सईद
नज़्म
आओ अपने दिल में दर्द-ए-ला-दवा पैदा करें
शिद्दत-ए-ग़म में मसर्रत का मज़ा पैदा करें
मंशाउर्रहमान ख़ाँ मंशा
नज़्म
थे बहुत बेदर्द लम्हे ख़त्म-ए-दर्द-ए-इश्क़ के
थीं बहुत बे-मेहर सुब्हें मेहरबाँ रातों के बा'द
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
ये दर्द-ए-ला-दवा दिल में जगाया किस लिए तू ने
ख़िरद इदराक अक़्ल-ओ-फ़हम सब बेगार हों जैसे
सलमान अंसारी
नज़्म
मिरी दोनों आँखें जो बे-दारी-ए-शब की शाहिद रहीं हैं
मिरी दोनों आँखें जो सोने के नाटक से उक्ता चुकी हैं
निवेश साहू
नज़्म
औज-ए-अफ़्लाक पे है माँग की अफ़्शाँ की दमक
शीशा-ए-मह से छलक कर मय-ए-तुंद-ओ-बे-दर्द
मुख़्तार सिद्दीक़ी
नज़्म
तू है और उस बे-वफ़ा की बेवफ़ाई के गिले
बेवफ़ाई के गिले दर्द-ए-जुदाई के गिले
सय्यद आबिद अली आबिद
नज़्म
कहते हैं अहल-ए-जहाँ दर्द-ए-अजल है ला-दवा
ज़ख़्म-ए-फ़ुर्क़त वक़्त के मरहम से पाता है शिफ़ा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
बे-नियाज़-ए-'ऐश-ओ-'इशरत आश्ना-ए-दर्द-ओ-ग़म
एक मुश्त-ए-उस्तुख़्वाँ आशुफ़्ता-रौ बा-चश्म-ए-तर