आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "deewan e jahaan baini narayan ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "deewan e jahaan baini narayan ebooks"
नज़्म
एक बुढ़िया शब गए दहलीज़ पर बैठी हुई
तक रही है अपने इकलौते जवाँ बच्चे की राह
राजेन्द्र मनचंदा बानी
नज़्म
ऐ ख़ाक-ए-हिंद तेरी अज़्मत में क्या गुमाँ है
दरिया-ए-फ़ैज़-ए-क़ुदरत तेरे लिए रवाँ है
चकबस्त ब्रिज नारायण
नज़्म
क्यूँ ज़ियाँ-कार बनूँ सूद-फ़रामोश रहूँ
फ़िक्र-ए-फ़र्दा न करूँ महव-ए-ग़म-ए-दोश रहूँ