आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "firaasat"
नज़्म के संबंधित परिणाम "firaasat"
नज़्म
राहज़न हँसने लगे छुप के कमीं-गाहों में
हम-नशीं ये था फ़रंगी की फ़िरासत का तिलिस्म
अली सरदार जाफ़री
नज़्म
जो फ़िक्र में है लुत्फ़ फ़िरासत में नहीं है
जो शे'र में जादू है सियासत में नहीं है
अर्श मलसियानी
नज़्म
नस्ल-ए-नौ की पुख़्तगी-ए-फ़न का फ़र्मूदा है ये
अगले वक़्तों के बुज़ुर्गों की फ़िरासत ख़ाम है
शोरिश काश्मीरी
नज़्म
लब-ए-तिश्ना पे इक ज़हर-ए-हक़ीक़त का फ़साना है
अजब फ़ुर्सत मयस्सर आई है ''दिल जान रिश्ते'' को
जौन एलिया
नज़्म
कैफ़ी आज़मी
नज़्म
जब मर्ग फिरा कर चाबुक को ये बैल बदन का हाँकेगा
कोई नाज समेटेगा तेरा कोई गौन सिए और टाँकेगा
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
फिरा करते नहीं मजरूह-ए-उल्फ़त फ़िक्र-ए-दरमाँ में
ये ज़ख़्मी आप कर लेते हैं पैदा अपने मरहम को
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
अब फ़ुर्सत-ए-नाव-नोश कहाँ अब याद न आओ रहने दो
तूफ़ान में रहने वालों को ग़ाफ़िल न बनाओ रहने दो
आमिर उस्मानी
नज़्म
फिराया फ़िक्र-ए-अज्ज़ा ने उसे मैदान-ए-इम्काँ में
छुपेगी क्या कोई शय बारगाह-ए-हक़ के महरम से
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
क़ल्ब पर जिस के नुमायाँ नूर ओ ज़ुल्मत का निज़ाम
मुन्कशिफ़ जिस की फ़रासत पर मिज़ाज-ए-सुब्ह-ओ-शाम
जोश मलीहाबादी
नज़्म
अहल-ए-ज़िंदाँ के ग़ज़बनाक ख़रोशाँ नाले
जिन की बाहोँ में फिरा करते हैं बाहें डाले