आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gulistaa.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "gulistaa.n"
नज़्म
गुज़र जा बन के सैल-ए-तुंद-रौ कोह ओ बयाबाँ से
गुलिस्ताँ राह में आए तो जू-ए-नग़्मा-ख़्वाँ हो जा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
ये भी इक सरमाया-दारों की है जंग-ए-ज़रगरी
इस सराब-ए-रंग-ओ-बू को गुलिस्ताँ समझा है तू
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
मिरा रोना नहीं रोना है ये सारे गुलिस्ताँ का
वो गुल हूँ मैं ख़िज़ाँ हर गुल की है गोया ख़िज़ाँ मेरी
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
वो इक मिज़राब है और छेड़ सकती है रग-ए-जाँ को
वो चिंगारी है लेकिन फूँक सकती है गुलिस्ताँ को
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
मीराजी
नज़्म
फूल क्या ख़ार भी हैं आज गुलिस्ताँ-ब-कनार
संग-रेज़े हैं निगाहों में गुहर आज की रात
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
ये ज़ाबता है कहूँ दश्त को गुलिस्ताँ-ज़ार
ख़िज़ाँ के रूप को लिक्खूँ फ़रोग़-ए-हुस्न-ए-बहार
हबीब जालिब
नज़्म
मिरे पहलू-ब-पहलू जब वो चलती थी गुलिस्ताँ में
फ़राज़-ए-आसमाँ पर कहकशाँ हसरत से तकती थी
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
कितने ग़ुंचे हैं जिगर-चाक गुलिस्ताँ में अभी
हर तरफ़ ज़ख़्म हैं बे-मिन्नत-ए-मरहम कितने