आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kahf"
नज़्म के संबंधित परिणाम "kahf"
नज़्म
पीर-बख़्श बिल्डिंग से पीर-बख़्श के मरक़द तक
अपनी ही बख़्शिश की दुआओं के कर्बज़ार से गुज़र कर आने वाली
ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर
नज़्म
और कहफ़ के ग़ार में झाँकूँ जहाँ बैठे हुए
असहाब माबूद-ए-हक़ीक़ी की इबादत में मगन हैं
सत्यपाल आनंद
नज़्म
ख़ाक-ए-सहरा पे जमे या कफ़-ए-क़ातिल पे जमे
फ़र्क़-ए-इंसाफ़ पे या पा-ए-सलासिल पे जमे
साहिर लुधियानवी
नज़्म
जिस ने इस का नाम रखा था जहान-ए-काफ़-अो-नूँ
मैं ने दिखलाया फ़रंगी को मुलूकियत का ख़्वाब
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
सफ़ा-ए-दिल को क्या आराइश-ए-रंग-ए-तअल्लुक़ से
कफ़-ए-आईना पर बाँधी है ओ नादाँ हिना तू ने
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
और अब ये राह-गुज़र भी है दिल-फ़रेब ओ हसीं
है इस की ख़ाक में कैफ़-ए-शराब-ओ-शेर मकीं