आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "laTe.n"
नज़्म के संबंधित परिणाम "laTe.n"
नज़्म
लबों पे सो गई कलियों की मुस्कुराहट भी
ज़रा भी सुम्बुल-ए-तुर्की लटें नहीं हिलतीं
फ़िराक़ गोरखपुरी
नज़्म
महबूब गले से लिपटा हो और कुहनी, चुटकी, लातें हों
कुछ बोसे मिलते जाते हों कुछ मीठी मीठी बातें हों
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
थकी धूप ने आ के लहरों की फैली हुई नंगी बाँहों पे अपनी लटें खोल दी हैं
ये जू-ए-रवाँ है
मजीद अमजद
नज़्म
जिन्हें आशिक़ों ने चाहा कि फ़लक से तोड़ लाएँ
किसी राह में बिछाएँ किसी सेज पर सजाएँ
साहिर लुधियानवी
नज़्म
हँसें बोलें कहीं आवारागर्दी के लिए निकलें
चलें और चल के सारे दोस्तों को फिर बुला लाएँ