आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "manaa.ii"
नज़्म के संबंधित परिणाम "manaa.ii"
नज़्म
रेल के अंदर बैठ के कैसे शरमाए घबराए थे
बग़ैर टिकट के पहुँच के घर पर कितनी मौज मनाई थी
अबु बक्र अब्बाद
नज़्म
तहमतन यानी 'रुस्तम' था गिरामी 'साम' का वारिस
गिरामी 'साम' था सुल्ब-ए-नर-ए-'मानी' का ख़ुश-ज़ादा