आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mazarat e"
नज़्म के संबंधित परिणाम "mazarat e"
नज़्म
पस्तियाँ कर लेंगी तय सारे मक़ामात-ए-फ़राज़
ख़ाक के ज़र्रे सुरय्या तक रसा हो जाएँगे
अहमक़ फफूँदवी
नज़्म
वही क़िस्सा मिरे दिल का
दिल-ए-वहशत-ज़दा पर बादलों की तरह उस उमड़े हुए बे-नाम मौसम का