आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "naft"
नज़्म के संबंधित परिणाम "naft"
नज़्म
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा जब लाद चलेगा बंजारा
हर आन नफ़अ' और टोटे में क्यूँ मरता फिरता है बन बन
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
लबीब हर नवा-ऐ-साज़-गार की नफ़ी सही!)
मगर हमारा राब्ता विसाल-ए-आब-ओ-गिल नहीं, न था कभी
नून मीम राशिद
नज़्म
नाफ़ा-ए-मुश्क-ए-ततारी बन कर लिए फिरी मुझ को हर-सू
यही हयात-ए-साइक़ा-फ़ितरत बनी तअत्तुल कभी नुमू
अख़्तरुल ईमान
नज़्म
चोर-बाज़ारी की जड़ थे और बड़े बट-मार थे
नफ़अ-ख़ोरी के सिवा हर काम से बेज़ार थे
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
मुबारक माह के अंदर हमीं से नफ़अ-ख़ोरी है
नहीं होता है बातिल जिस से रोज़ा ये वो चोरी है
सय्यद मोहम्मद जाफ़री
नज़्म
मेरे बातिन में मुसलसल तैरती है ऊँघती दुनिया सराबों की
नफ़ी सारे हिसाबों की