आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "rotii"
नज़्म के संबंधित परिणाम "rotii"
नज़्म
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
तोड़ डालीं फ़ितरत-ए-इंसाँ ने ज़ंजीरें तमाम
दूरी-ए-जन्नत से रोती चश्म-ए-आदम कब तलक
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
रियाज़-ए-दहर में ना-आश्ना-ए-बज़्म-ए-इशरत हूँ
ख़ुशी रोती है जिस को मैं वो महरूम-ए-मसर्रत हूँ
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
हर आन टूट पड़ता है रोटी के ख़्वान पर
जिस तरह कुत्ते लड़ते हैं इक उस्तुख़्वान पर