आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "takkar"
नज़्म के संबंधित परिणाम "takkar"
नज़्म
अभी इंसानियत दौलत से टक्कर ले नहीं सकती
मुझे जाना है इक दिन तेरी बज़्म-ए-नाज़ से आख़िर
असरार-उल-हक़ मजाज़
नज़्म
शमशीर तबर बंदूक़ सिनाँ और नश्तर तीर नहरनी है
याँ जैसी जैसी करनी है फिर वैसी वैसी भरनी है
नज़ीर अकबराबादी
नज़्म
तूफ़ान में कश्ती खेते हैं कोहसार से टक्कर लेते हैं
हम जंग में सर दे देते हैं हम पाँव हटाना क्या जानें
शमीम करहानी
नज़्म
तक़दीर से शिकवा लाज़िम है या चुप ही रहना अच्छा है
माहौल से टक्कर ली जाए या सदमा सहना अच्छा है
अमीर चंद बहार
नज़्म
हवा बे-मेहर थी उस रात ठंडी और कटीली
साँस लेना सर से ऊँची लहर से टक्कर लगाना था
मोहम्मद इज़हारुल हक़
नज़्म
रिप्पो को मारी टक्कर सीढ़ी पे चढ़ते चढ़ते
मम्मी के हाथ में था जो गिर गया वो तड़ से
बिलक़ीस ज़फ़ीरुल हसन
नज़्म
सिनान ओ गुर्ज़ ओ शमशीर ओ तबर ख़ंजर नहीं लाज़िम
बस इक एहसास लाज़िम है कि हम बुअदैन हैं दोनों
जौन एलिया
नज़्म
अख़्तर शीरानी
नज़्म
है मिरी जुरअत से मुश्त-ए-ख़ाक में ज़ौक़-ए-नुमू
मेरे फ़ित्ने जामा-ए-अक़्ल-ओ-ख़िरद का तार-ओ-पू
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
महाज़-ए-जंग से हरकारा तार लाया है
कि जिस का ज़िक्र तुम्हें ज़िंदगी से प्यारा था