आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "tumhare liye himanshu joshi ebooks"
नज़्म के संबंधित परिणाम "tumhare liye himanshu joshi ebooks"
नज़्म
फ़र्ज़ करो हम अहल-ए-वफ़ा हों, फ़र्ज़ करो दीवाने हों
फ़र्ज़ करो ये दोनों बातें झूटी हों अफ़्साने हों
इब्न-ए-इंशा
नज़्म
तुम ने लिक्खा है मिरे ख़त मुझे वापस कर दो
डर गईं हुस्न-ए-दिल-आवेज़ की रुस्वाई से
प्रेम वारबर्टनी
नज़्म
ज़िंदा-दिल पंजाब के बेटो तुम्हें मेरा सलाम
तुम परस्तार-ए-गुरू-नानक फ़िदा-ए-कृष्न-ओ-राम
अर्श मलसियानी
नज़्म
रुख़्सत हुआ वो बाप से ले कर ख़ुदा का नाम
राह-ए-वफ़ा की मंज़िल-ए-अव्वल हुई तमाम