aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "valvala"
हौसले वक़्त के और ज़ीस्त के यक-रंग हैं आजआबगीनों में तपाँ वलवला-ए-संग हैं आज
बदल दें ज़माने को वो हौसला थाहर इक दिल में पैदा नया वलवला था
वो नग़्मा कि इक वलवला-ए-शोला-ज़नी हैक्या गुल-बदनी गुल-बदनी गुल-बदनी है
मैं एक सहरा सही मगर मुझ पे घिर के बरसोमुझे महकने का वलवला दो
हर हादसे में अहल-ए-वतन मुस्तइद रहेंवो वलवला जगाओ कि पंद्रह अगस्त है
दिलों में वलवला-ए-इंक़लाब है पैदाक़रीब आ गई शायद जहान-ए-पीर की मौत
दिलों में है जो वलवलातो डाल दोगे ज़लज़ला
न हम-नशीं न वलवला कि लौ कहीं लगाएँ हमन हौसला कि सख़्तियाँ फ़िराक़ की उठाएँ हम
दिलों में जो हो वलवलातो डाल दोगे ज़लज़ला
नया रूप हस्ती ने पैदा किया हैहर इक दिल में इक वलवला भर रहा है
मुस्कुरा उट्ठा चमनन था दिल में वलवला
अब तो वो वलवला-ए-अह्द-ए-जवानी भी नहींवक़्त मेरा ये नहीं इश्क़ के हंगामों का
ज़िंदगी इक वलवला है ज़िंदगी इक जोश हैदामन-ए-तूफ़ाँ में इक हंगामा-ए-ख़ामोश है
कोई वलवला हैजाँकोई ज़ीस्त का अरमाँ
बाँके हिरन की चौकड़ीकिया वलवला
चाँद की रौशनी दिलकशीइश्क़ का वलवला हुस्न का बाँकपन
कि फिर से ज़िंदगी मेंवलवला हो जोश हो पैदा
जोज़ामी हो गई 'वज़्ज़ाह' की महबूब वावैलामगर इस का गिला क्या जब नहीं आया कोई एेला
गिल-ओ-ला के सूखे तग़ारों की जानिबमईशत के इज़हार-ए-फ़न के सहारों की जानिब
वो ल'अल ओ लब के तज़्किरे, वो ज़ुल्फ़ ओ रुख़ के ज़मज़मेवो कारोबार-ए-आरज़ू वो वलवले, वो हमहमे
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