aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "waseem"
मैं ने मुद्दत से कोई ख़्वाब नहीं देखा हैरात खिलने का गुलाबों से महक आने का
मेरा ये ख़्वाब कि तुम मेरे क़रीब आई होअपने साए से झिझकती हुई घबराती हुई
दीवाली की रात आई है तुम दीप जलाए बैठी होमासूम उमंगों को अपने सीने से लगाए बैठी हो
देर से एक ना-समझ बच्चाइक खिलौने के टूट जाने पर
मैं तिरी याद को सीने से लगाए गुज़राअजनबी शहर की मशग़ूल गुज़र गाहों से
कल भी मेरी प्यास पे दरिया हँसते थेआज भी मेरे दर्द का दरमाँ कोई नहीं
वक़्त के तेज़ गाम दरिया मेंतू किसी मौज की तरह उभरी
मैं तुम से छूट रहा हूँ मिरे प्यारोमगर मिरा रिश्ता पुख़्ता हो रहा है इस ज़मीं से
शहर मेरा उदास गंगा साकोई भी आए और अपने पाप
ये माज़ी जो मिरी तन्हाइयों के साथ रहता हैये इक नादान बच्चे की तरह तन्हाई को
'अतीक़' और 'असलम' 'शोएब' और 'सलीम''रईस' और 'आसिफ़' 'नफ़ीस' और 'वसीम'
तुम्हें पता हैतुम्हारे पीछे तमाम शब जागना मिरा मश्ग़ला रहा है
वसीअ-तर और वसीअ-तर होती जा रही हैये अपनी बाँहें पसारती है
काश मैं तेरे हसीं हाथ का कंगन होतातू बड़े प्यार से चाव से बड़े मान के साथ
मिरे मकान के आगे है एक चौड़ा सहन वसीअकभी वो हँसता नज़र आता है कभी वो उदास
उस को ये कह के 'वसी' मैं ने रिसीवर रख दियाऔर फिर अपनी अना के पाँव पे सर रख दिया
मुझे हर काम से पहलेसहर से शाम से पहले
बे-सबब तो न थीं तिरी यादेंतेरी यादों से क्या नहीं सीखा
जब उस के साथ थीमैं इस वसीअ' काएनात में
जब रात की नागिन डसती हैनस नस में ज़हर उतरता है
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books