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अशफ़ाक़ अहमद

1925 - 2004 | लाहौर, पाकिस्तान

लब्धप्रतिष्ठ कथा लेखक,कहानी ‘गड़रिया’ के लेखक के रूप में चर्चित।

लब्धप्रतिष्ठ कथा लेखक,कहानी ‘गड़रिया’ के लेखक के रूप में चर्चित।

अशफ़ाक़ अहमद की कहानियाँ

अम्मी

मुफ़्लिसी में पले बढ़े एक बच्चे की कहानी, जो स्कूल के दिनों में अम्मी से मिला था। उसके बाद लाहौर के एक बाज़ार में उसकी अम्मी से मुलाक़ात हुई। तब वह एक दफ़्तर में नौकरी करने लगा था और जुआ खेलता था। अम्मी से मुलाक़ात के बाद उसे अपने दोस्त और अम्मी के बेटे के बारे में पता चला कि वह इंग्लैंड में पढ़ता है। अम्मी से उसकी मुलाक़ात बढ़ती जाती है और वह उनके साथ ही रहने लगता है। एक बार वह इंग्लैंड से आए अपने दोस्त का ख़त पढ़ता है जिसमें उनसे दो हज़ार रूपये की माँग की गई थी। अम्मी के पास पैसे नहीं हैं और वह उनके लिए अपने ज़ेवर बेचने जाती है। वो उनके पीछे उनके बैग से पचास रूपये चुरा लेता है और जुआ खेलने चला जाता है।

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