- पुस्तक सूची 183433
-
-
पुस्तकें विषयानुसार
-
बाल-साहित्य1770
औषधि579 आंदोलन257 नॉवेल / उपन्यास3497 -
पुस्तकें विषयानुसार
- बैत-बाज़ी12
- अनुक्रमणिका / सूची5
- अशआर62
- दीवान1339
- दोहा61
- महा-काव्य94
- व्याख्या149
- गीत88
- ग़ज़ल762
- हाइकु11
- हम्द34
- हास्य-व्यंग38
- संकलन1395
- कह-मुकरनी7
- कुल्लियात637
- माहिया16
- काव्य संग्रह4020
- मर्सिया335
- मसनवी704
- मुसद्दस46
- नात443
- नज़्म1040
- अन्य49
- पहेली17
- क़सीदा150
- क़व्वाली9
- क़ित'अ53
- रुबाई259
- मुख़म्मस18
- रेख़्ती16
- शेष-रचनाएं27
- सलाम29
- सेहरा8
- शहर आशोब, हज्व, ज़टल नामा13
- तारीख-गोई21
- अनुवाद78
- वासोख़्त24
फणीश्वर नाथ रेणु की कहानियाँ
तीसरी क़सम: उर्फ़ मारे गए गुलफ़ाम
गाँव के लोगों की सादा-लौही और उनके जज़्बात की तर्जुमानी करने वाली उम्दा कहानी है। हीरा मन बैल-गाड़ी चलाता है, एक दिन वो नौटंकी कम्पनी की अदाकारा हीरा बाई को बैठा कर मेले तक ले जाता है और फिर उसके इश्क़ में गिरफ़्तार हो जाता है। मेला ख़त्म होते ही जब हीरा बाई ट्रेन से वापिस चली जाती है तो हीरा मन भी अपने गाँव चला जाता है और वो क़सम खाता है कि अब कभी नौटंकी की सवारी को नहीं बिठाएगा। इस कहानी में जुज़्ईयात-निगारी के ज़रीए कहानी-कार ने गाँव के लोगों की सादगी, छोटी-छोटी आरज़ूओं, तमन्नाओं, ख़्वाहिशों और उनकी सोच को बहुत ख़ूबसूरती के साथ बयान किया है।
join rekhta family!
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
GET YOUR PASS
-
बाल-साहित्य1770
-