- पुस्तक सूची 180823
-
-
पुस्तकें विषयानुसार
-
बाल-साहित्य1643
औषधि540 आंदोलन257 नॉवेल / उपन्यास3422 -
पुस्तकें विषयानुसार
- बैत-बाज़ी9
- अनुक्रमणिका / सूची5
- अशआर62
- दीवान1328
- दोहा61
- महा-काव्य92
- व्याख्या149
- गीत85
- ग़ज़ल744
- हाइकु11
- हम्द31
- हास्य-व्यंग38
- संकलन1383
- कह-मुकरनी7
- कुल्लियात630
- माहिया16
- काव्य संग्रह3987
- मर्सिया328
- मसनवी678
- मुसद्दस44
- नात423
- नज़्म1001
- अन्य42
- पहेली14
- क़सीदा140
- क़व्वाली9
- क़ित'अ51
- रुबाई255
- मुख़म्मस18
- रेख़्ती17
- शेष-रचनाएं27
- सलाम28
- सेहरा8
- शहर आशोब, हज्व, ज़टल नामा13
- तारीख-गोई19
- अनुवाद80
- वासोख़्त24
वाजिदा तबस्सुम की कहानियाँ
मंज़िल
यह एक ऐसे बच्चे की कहानी है जिसे लगता है कि उसके माँ-बाप उससे प्यार नहीं करते। उसने अपने माँ-बाप का प्यार हासिल करने के लिए उनकी ख़िदमतें की थी। घर के काम-काज में हाथ बंटाया था। कुत्ता पाला था। आड़ी-तिरछी लकीरें खिंची थीं। भाइयों से दोस्ती की, बिल्ली पाली, मगर कोई भी अपना न हो सका। मिट्टी के खिलौनों में जी लगाना चाहा वो भी दूर हो गए। सब तरफ से मायूस होकर उसने मरने का फैसला कर लिया। मगर तभी उसकी ज़िंदगी में एक लड़की आई और सब कुछ बदल गया।
ऐ रूद-ए-मूसा
यह एक ऐसी ख़ुद्दार लड़की की कहानी है, जो दुनिया की ठोकरों में रुलती हुई वेश्या बन जाती है। विभाजन के दौरान हुए दंगों में उसके बाप के मारे जाने के बाद उसकी और उसकी माँ की ज़िम्मेदारी उसके भाई के सिर आ गई थी। एक रोज़ वह बहन के साथ अपने बॉस से मिलने गया था तो उन्होंने उससे उसका हाथ माँग लिया था। मगर अगले रोज़ बॉस के बाप ने भी उससे शादी करने की ख़्वाहिश ज़ाहिर की थी। उसने उस ख़्वाहिश को ठुकरा दिया था और घर से निकल भागी।
उतरन
नवाब के घर में पली-बढ़ी एक खादिमा की बेटी की कहानी, जो हमेशा इस बात से दुखी रहती है कि उसे मालिक की बेटी की उतरन पहननी पड़ती है। हालांकि दोनों लड़कियाँ साथ-साथ खेलती, पढ़ती हुई जवान होती हैं। मगर उसके मन से उतरन पहनने की टीस कभी नहीं जाती। फिर वह दिन भी आता है जब नवाब की बेटी की बारात आती है और ख़ादिमा की बेटी हसद और इंतिक़ाम के जज़्बे में उससे पहले उसके शौहर के साथ सो जाती है।
शोले
यह एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो एक घर में गर्वनेंस की नौकरी करते हुए अपने बॉस से प्यार करने लगती है। हालांकि उसकी मंगनी हो चुकी है। उसका बॉस भी जानता है। मगर वह अपने जज़्बात को छुपा नहीं पाती। बॉस जानता है कि वह उससे मोहब्बत करती है, लेकिन वह इंकार कर देता है। जिस रोज़ उसकी डोली उठती है तब वह सज्दे में गिरकर सिसक-सिसक कर कहता है कि मुझे तुमसे मोहब्बत है।
ज़रा हौर ऊप्पर
एक हैदराबादी नवाब की कहानी, जो घर में बीवी के मौजूद होते हुए भी बांदियों से दिल बहलाता है। इस पर उसका बीवी के साथ बहुत झगड़ा होता है। मगर वह अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आता। शौहर की तरफ़ से मायूस होकर उसकी बीवी भी घर में काम करने वाले नौकरों के साथ लुत्फ़ उठाने लगती है।
कोइला भई न राख
यह एक ऐसे जोड़े की कहानी है, जो एक-दूसरे से बहुत मोहब्बत करते हैं। लड़का जब पैसे कमाने के लिए शहर जाता है तो वह जिस क़दर अमीर होता जाता है उतना ही अपनी महबूबा से दूर होता जाता है। उसकी महबूबा उतनी ही शिद्दत के साथ उससे मोहब्बत करती जाती है। फिर एक दिन ऐसा भी आता है जब वह अपनी महबूबा की शादी अपने एक दोस्त से करा देता है।
नथ उतराई
बार माँ के साथ पीटी बजाने किसी रईस की महफ़िल में गई। हारमोनियम बजाते-बजाते दो एक-बार किसी से आँखें मिला बैठी। मुलाक़ातें बढ़ती गईं, पता चला मोटर चलाने पर नौकर हैं। इतनी-उतनी नहीं पूरे डेढ़ सौ तनख़्वाह पाते हैं... हुनर हाथ में हो तो इंसान कहीं भी हाथ पाँव
जन्नती जोड़ा
यह एक नवाब के घर में रहने वाले एक अंधे बूढ़े की कहानी है, जिससे नवाब की छोटी लड़की बहुत मोहब्बत करती है। वह उसके खाने-पीने का पूरा ख़्याल रखती है। जवान होने पर जब लड़की की शादी होती है अंधा बूढ़ा अपनी हैसियत के मुताबिक़ उसके लिए एक सूती जोड़ा तैयारी कराता है, जिसे लड़की की माँ ठुकरा देती है। मगर नवाब उस जोड़े को उठाकर अपनी आँखों से लगाता हुआ कहता है कि यह तो जन्नती जोड़ा है।
ज़कात
एक ऐसे हैदराबादी नवाब की कहानी, जो अपनी सख़ावत के लिए मशहूर था। उसने कभी किसी से कुछ नहीं लिया था, हमेशा दिया ही था। एक बार एक ग़रीब लड़की पर उसका दिल आ जाता है। लड़की के माँ-बाप पहले तो नवाब को इंकार कर देते हैं मगर फिर हालात से मजबूर होकर अपनी लड़की को उसके पास भेज देते हैं। एक महफ़िल में जब नवाब के दोस्त उसकी नई बांदी की तारीफ़ करते हैं तो वह कहती है कि नवाब साहब तो सबको देते हैं मगर मैंने उन्हें अपना हुस्न दिया है, वह भी ज़क़ात में।
धनक के रंग नहीं
एक ऐसे शख़्स की कहानी है, जो घर की ज़िम्मेदारियों की वजह से शादी करने से इंकार कर देता है। उसकी बेवा माँ और बेवा बहन उसे हर मुमकिन शादी के लिए तैयार करने की कोशिश करती हैं। मगर वह इनकार करता जाता है। फिर घर में एक ऐसी लड़की आती है, जिससे वह शादी करने पर राज़ी हो जाता है। तभी कुछ ऐसा होता है कि वह उससे भी शादी करने से इनकार कर देता है।
join rekhta family!
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
GET YOUR PASS
-
बाल-साहित्य1643
-