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चुन्नू मुन्नू और शैतान

इनायत अली ख़ाँ

चुन्नू मुन्नू और शैतान

इनायत अली ख़ाँ

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    किसी गाँव में एक बकरी रहती थी। उसके दो बच्चे थे। एक का नाम था चुन्नू और दूसरे का नाम मुन्नू। बकरी सुब्ह बच्चों को दूध पिला कर जंगल चली जाती और वहाँ से पेट भर कर शाम को वापस आती। वापस आकर वो दरवाज़े ही से आवाज़ लगातीः

    ‘‘चुन्नू आओ, मुन्नू आओ, दूध तो पी लो!’’

    चुन्नू और मुन्नू माँ की आवाज़ सुनते ही उछलते कूदते आते, एक एक थन मुँह में दबाते और चुस चुस कर के दूध पीना शुरू कर देते। बकरी अपने दोनों बच्चों को प्यार से चाटती जाती और कहती जातीः

    प्यारे चुन्नू प्यारे मुन्नू

    आपस में मिल-जुल कर रहना

    दूध बस अपने थन से पीना

    आपस में हरगिज़ मत लड़ना

    आपस में जो लड़ते हैं

    गंदे बच्चे होते हैं

    चुन्नू और मुन्नू दूध पीते जाते और इक़रार में सर हिलाते जाते जैसे कह रहे हूँ।

    अम्मी हम ऐसा ही करेंगे

    अपने अपने थन से पिएँगे

    आपस में हरगिज़ ना लड़ेंगे

    हम गंदे बच्चे तो नहीं हैं

    हम तो अच्छे बच्चे हैं

    शैतान जब बकरी के बच्चों को आपस में मोहब्बत से रहते देखता तो बहुत जलता। वो तो इन्सानों और जानवरों, सबको आपस में लड़वाना चाहता है। उसने चुन्नू और मुन्नू को भी आपस में लड़वाना चाहा। एक दिन वो चुन्नू के दिल में आया और उस से बोलाः

    चुन्नू तुम बुद्धू बच्चे हो

    बस अपने थन से पीते हो

    कम है दूध तुम्हारे थन में

    ज़्यादा है मुन्नू के थन में

    शाम को अब जो अम्मी आएँ

    आकर तुमको दूध पिलाऐं

    बस तुम ये तरकीब लड़ाना

    उस के थन का भी पी जाना

    उसके बाद शैतान मुन्नू के दिल में आया और उस से कहाः

    मुन्नू तुम बुद्धू बच्चे हो

    बस अपने थन से पीते हो

    कम है दूध तुम्हारे थन में

    ज़्यादा है चुन्नू के थन में

    शाम को अब जो अम्मी आएं

    आकर तुमको दूध पिलाऐं

    बस तुम ये तरकीब लड़ाना

    उस के थन का भी पी जाना

    चुन्नू ने भी शैतान की बात मान ली, मुन्नू ने भी शैतान की बात मान ली। शाम को जब बकरी आई और उसने आवाज़ लगाई।

    ‘‘चुन्नू आओ मुन्नू आओ दूध तो पी लो!’’

    तो चुन्नू और मुन्नू उछलते कूदते आए और चुस चुस कर के दूध पीने लगे बकरी ने कहाः

    प्यारे चुन्नू प्यारे मुन्नू

    आपस में मिल जुल कर रहना

    दूध बस अपने थन से पीना

    आपस में हरगिज़ मत लड़ना

    आपस में जो लड़ते हैं

    गंदे बच्चे होते हैं

    मगर आज चुन्नू और मुन्नू ने इक़रार में सर नहीं हिलाया। आज तो उन्हें शैतान ने बहका दिया था ना। चुन्नू ने जल्दी जल्दी अपने थन का दूध पिया और फिर मुन्नू के थन से पीने के लिए तेज़ी से उसकी तरफ़ मुँह बढ़ाया। उधर मुन्नू ने भी जल्दी जल्दी अपने थन का दूध पिया और फिर मुन्नू के थन से पीने के लिए तेज़ी से उसकी तरफ़ मुँह बढ़ाया

    इस तरह करने से दोनों के सर इस ज़ोर से टकराए कि दोनों को चक्कर आगया। चक्कर के साथ दोनों को उल्टी आगई। उल्टी में पेट का दूध भी निकल गया। दोनों तकलीफ़ से रोने लगे।

    शैतान ने उनकी ये हालत देखी तो बहुत ख़ुश हुआ और बोलाः

    चुन्नू मुन्नू अच्छे थे

    सीधे सादे बच्चे थे

    अक़्ल के लेकिन कच्चे थे

    जब मेरे कहने में आए

    लालच में दोनों टकराए

    दर्द से भौं-भौं रोएँगे

    रात को भूके सोएँगे

    ही ही ही ही, ही ही ही

    खी खी खी खी, खी खी खी

    स्रोत:

    Chunnu Munnu Aur Shaitan (Pg. 6)

    • लेखक: इनायत अली ख़ाँ
      • प्रकाशक: दावा अकेडमी, इस्लामाबाद
      • प्रकाशन वर्ष: 1993

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