ज़िया अ’ज़ीमाबादी, मिर्ज़ा अ’ली रज़ा बहुत कम-उ’म्री में शे’र कहने लगे। अपने ज़माने के उस्ताद शौक़ नीमवी के एक शागिर्द और फिर ख़ुद उस्ताद को कलाम दिखाते थे। नौजवानी में ही गेरुवे कपड़ों में फ़क़ीरों जैसी ज़िन्दगी गुज़ारने लगे, और इसी हाल में हैज़े का शिकार हुए। अ’ज़ीमाबाद (पटना) में पैदा हुए और वहीं देहांत हुआ।
Jashn-e-Rekhta | 2-3-4 December 2022 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate, New Delhi
GET YOUR FREE PASS