aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
इस संग्रह में हिंदी के मुख्य आठ लेखकों की आठ चुनिंदा कहानियों को संकलित किया गया है। इन आठ कहानियों में मानव मन की विविध स्थितियों का सुंदर चित्रण हुआ है। जयशंकर प्रसाद जी की कहानी 'गूदड़ साईं' मनुष्य की ममता और स्नेह का निश्छल और प्रछन्न चित्र मन के धरातल पर उकेरती है। इसी तरह प्रेमचंद जी की कहानी 'शतरंज के खिलाड़ी' देश के मानसिक पतन पर एक भारी व्यंग करते हुए उस समय देश की स्थिति और चुनौतियों के प्रति सावधान करती है। इसी क्रम में आचार्य चतुरसेन जी की कहानी वीर बादल में राजपूती शौर्य का जैसा वर्णन मिलता है वैसा कहीं और नहीं मिलता। सुदर्शन जी की कहानी प्रेम तरु को पढ़कर माता के वात्सल्य का जो भाव झलकता है वह अतुलनीय है। यशपाल जी की कहानी दुःख में यथार्थ दुःख दिखता है, इस कहानी में यशपाल जी ने नकली व बनावटी दुखों पर मार्मिक व्यंग किया है इसी तरह भगवतीचरण वर्मा जी ने अपनी कहानी प्रायश्चित में अंधविश्वास पर एक गहरा व्यंग किया है। अपनी कहानी 'गूंगे' में रांगेय राघव जी ने उन दुखों का चित्रण किया है जिनके लिए कोई भाषा नही, जिनकी कोई अभिव्यक्ति नही। मोहन राकेश की कहानी 'मलवे का मालिक' में जात-पात भेद-भाव, धर्म-सम्प्रदाय के नाम पर बंटवारे पर व्यंग है। इस कहानी का दर्द देर तक कचोटता है। सारी कहानियाँ देश काल, पात्र और स्थितियों की विविधता को समायोजित करते हुए संग्रह की रोचकता को लगातार बनाए रखती हैं।
Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi
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