aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

लेखक : उमर ख़य्याम

भाषा : Urdu

श्रेणियाँ : शाइरी, अनुवाद

उप श्रेणियां : रुबाई

पृष्ठ : 336

अनुवादक : आग़ा शाएर क़ज़लबाश

सहयोगी : अंजुमन तरक़्क़ी उर्दू (हिन्द), देहली

मयख़ाना-ए-ख़य्याम

पुस्तक: परिचय

عمر خیام کا شمار بلا مبالغہ دنیا کے مقبول ترین شاعروں میں ہوتا ہے۔ ان کی ہمہ گیر شہرت کا اندازہ اس بات سے لگایا جا سکتا ہے کہ 1970ء میں چاند کے ایک گڑھے کا نام، جب کہ 1980ء میں ایک سیارچے کا نام عمر خیام کے نام پر رکھا گیا۔ یوجین اونیل، اگاتھا کرسٹی اور سٹیون کنگ جیسے مشہور ادیبوں نے اپنی کتابوں کے نام عمر خیام کے اقتباسات پر رکھے ہیں. عمر خیام جب نجوم ،ریاضی اور فلسفے کے پیچیدہ مسائل سے فارغ ہوتے تھے تو دل اور دماغ کی تفریح کے لیے شعرکہا کرتے تھے۔ عمر خیام کی شاعری کا حاصل صرف ان کی فارسی رباعیات ہیں۔ رباعیوں کی زبان بڑی سادہ، سہل اور روان ہے۔ لیکن ان میں فلسفیانہ رموزہیں جو ان کے ذاتی تاثرات کی آئینہ دار ہیں۔سب سے پہلے جو چیز عمر خیام کی رباعیوں میں ہمیں نمایاں نظر آتی ہے وہ انسانی زندگی کے آغاز وانجام پر غور وخوص ہے،زیر نظر کتاب عمر خیام کی 640 رباعیات کا اردو زبان میں منظوم ترجمہ ہے۔

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लेखक: परिचय

अपनी किताब रुबाइयात के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध| ख्याति-प्राप्त शाइर होने के साथ साथ बड़े गणितज्ञ भी थे . फिट्जगेराल्ड द्वारा इनकी रुबाइयात के अनुवाद के बाद इनका नाम मशरिक और मग़रिब दोनों में मक़बूल हो गया | मौलाना रूमी की मसनवी के बाद सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली किताबों में रुबाइयात का शुमार होता है| कहा जाता है कि किसी वक़्त सूफ़ी ख़ानक़ाहों में आने वाले नवागंतुक विद्यार्थियों को उमर ख़य्याम की रुबाइयात पढ़ने के लिए दी जाती थी और उनसे पूछा जाता था कि आपने क्या समझा ? नवागंतुक के उत्तर पर यह निर्भर करता था कि उसे ख़ानक़ाह में प्रवेश मिलेगा अथवा नहीं | भारत में रुबाइयात का हिंदी अनुवाद प्रसिद्ध हिंदी कवि श्री हरिवंश राय बच्चन साहेब ने ख़य्याम की मधुशाला के नाम से किया है| इनकी रुबाइयात से प्रेरित होकर ही उन्होंने बाद में मधुशाला लिखी जो हिंदी की एक अमर कृति है | ख़य्याम की इच्छा थी कि उनकी क़ब्र ऐसी जगह पर बने जहाँ पेड़ साल में दो बार फूल बरसाया करें| उनकी यह इच्छा भी पूर्ण हो गयी| इनकी दरगाह निशापुर में है जहाँ शेफ़्तालू और नाशपाती के पेड़ साल में दो दफ़ा फूल बरसाते हैं |
प्रमुख रचना रुबाइयात है .

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