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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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کتاب: تعارف

इस उपन्यास को राजा और प्रजा के बीच संबंधों को केंद्र में रखकर श्रीनाथ सिंह जी ने लिखा हैमानवी राजबीर के साथ पार्टी में आई थी और यहाँ कुछ औरतें बैठकर उसके बारे में उल्टी-सीधी बकवास कर रही थी। उनकी बातचीत का सार मानवी पर लांछन लगाना था। एक औरत ने कहा - "आजकल की यंग लड़कियों के कोई मोरल्स नहीं होते! ज़रा सी खूबसुरती क्या मिल जाए, खुद को पता नहीं क्या समझने लगती हैं!" किसी और महिला ने कहा - "राजबीर वर्मा कोई छोटी मोटी शख़्सियत नहीं है।कि कोई भी ऐरी गैरी आये और उसे पटा ले जाए!" वे महिलाएँ इतना इन्वोल्व होकर ये सब बातें कर रही थीं कि उन्हें पता ही नहीं चला कि राजबीर कब उनके पास से गुजरा। उसने उन मोहल्ले की आंटी जैसी महिलाओं के समूह पर नज़र डाली और वहां से आगे चला गया। वहीं दूसरी ओर,इन औरतों की बातें सुनकर मानवी के हाथ खाने की टेबल पर बैठे spoon और knife पकड़े हुए गुस्से से काँप रहे थे। ऐसी औरतों के ग्रुप हमेशा से ही disgusting होते हैं यह बात वो बखूबी जानती थी लेकिन यह पहली बार था जब मानवी ऐसा live देख और सुन रही थी। वो भी खुद के लिए, वह महसूस कर पा रही थी कि ये बातें कितना बुरा फील करवातीं हैं। मानवी को इन महिलाओं की बातें अपनी सौतेली बहन इशिका और उसकी माँ के घृणित चेहरों की याद दिला रही थीं। लेकिन एकदम अजनबी औरतों से इस तरह की बातें सुनने से मानवी अंदर से बहुत परेशान हो रही थी। उसने अपना knife और fork spoon नीचे प्लेट में रख दिए और वह अचानक horrible हो चुकी इस जगह को छोड़ने के लिए वहां से उठ खड़ी हुई। लेकिन तभी वहाँ शानदार म्यूजिक बजने लगा और लोग डांस फ्लोर पर नाचने लगे। राजबीर मानवी के पास आया और उसका रास्ता रोक कर उसने naturally अपना हाथ उसकी कमर पर रखा और एक प्यार भरी स्माइल के साथ उसकी ओर देखते हुए कहा रुको! "क्या तुम मेरे साथ डांस करोगी?" राजबीर उसे दूसरी टेबल से क्रास कराते हुए ले गया। राजबीर ने यह बात बहुत लाउड और क्लियर बोली जिसे उन कमेंट्स करने वाली औरतों ने भी सुना। सभी चुप रहीं और उन दोनों की तरफ़ देखते रहीं। मानवी हैरान थी! डांस? यह क्या मजाक है! और सकपाहट में बोली "मुझे डांस करना नहीं आता" राजबीर ने तुरंत कहा "तो सीखो, मैं तुम्हें सिखाऊंगा।" इतना कहकर राजबीर ने मानवी के हाथों को पकड़कर अपनी गर्दन के चारों ओर डाल लिया , जबकि राजबीर के हाथ पहले से ही मानवी की कमर के चारों ओर लिपटे हुए थे। राजबीर ने मानवी की आंखों में देखा और उसे शांत करने की कोशिश करते हुए बोला "मेरे पास तुम्हें जल्दी से डांस सीखाने की एक शानदार टेक्निक है। एक सेकेंड तुम मेरे पैर पर अपना पैर रखो, और मैं तुम्हें एक kiss करूंगा।" मानवी के मुंह से अचानक निकला "क्या..." उसने अचंभित होकर राजबीर की ओर देखा और मन ही मन सोचने लगी कि इस आदमी ने कौन सी पागलपन की दवा पी ली है ? कुछ भी बोले जा रहा है। मानवी ने high heels पहन रखी थी जिसकी वजह से वो मुश्किल से चल पा रही थी इसी रीज़न से मानवी ने अपना लगभग सारा वेट राजबीर के ऊपर डाल दिया था। राजबीर आसानी से मानवी को डांस फ्लोर के centre में ले आया और थोड़ी ही देर में उन दोनों का डांस वहां पूरी पार्टी में हर किसी के लिए centre of attraction बन गया. मानवी बहुत घबराई हुई थी, इसीलिए जैसे ही राजबीर ने लेफ्ट साइड एक कदम बढ़ा कर फिर मानवी के साथ राइट साइट दूसरा कदम बढ़ाया, मानवी ने अपना पैर राजबीर के पैर पर रख दिया। लेकिन राजबीर का ध्यान अपने मकसद में था इससे पहले कि मानवी कोई प्रतिक्रिया देती, राजबीर ने अपना सिर झुकाकर मानवी के होठों को kiss कर लिया। चारों ओर अचानक शांति फैल गई मानवी एकदम स्तब्ध रह गई उसे अब कुछ सुनाई नहीं दे रहा था ना तो वहां बजता म्यूजिक और न ही वहां हो रही कोई भी बातचीत वो इस समय केवल एक ही चीज़ महसूस कर सकती थी कि उसके होंठ गर्म थे और उनपर उसे अचानक वाइन का टेस्ट जैसा कुछ अहसास हुआ था। परेशानी की बात यह थी कि मानवी उस kiss को होने से रोक नहीं पाई थी उसने कोई resistance दर्ज़ नही किया था। राजबीर ने तो सोचा था कि उस रात वो आखिरी बार मानवी के होठों को kiss कर रहा है पर सच यह था कि वो मानवी को पसंद करने लगा था उसकी life में कभी कोई मानवी जैसी लड़की रही ही नहीं थी। उसने अचानक मानवी को kiss कर लिया राजबीर खुद पर कोई कंट्रोल नहीं रख सका था। लेकिन जाने क्यों पूरे डांस परफॉर्मेंस के दौरान मानवी का मन परेशान सा था। उसके पीछे आने वाली निगाहें मानवी को अपने शरीर पर भारी लग रही थीं, हालांकि वह उन्हें नजरअंदाज कर रही थी लेकिन उसे अंदर से समझ नहीं आ रहा था कि उसने ऐसा कैसे कर दिया और यह जानते हुए भी कि विनोद गुप्ता अभी भी यहीं इस पार्टी में थे, मानवी को अचानक बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई। मानवी ने तुरंत उस कोने की ओर देखा जहां मिस्टर गुप्ता अपनी व्हील चेयर पर बैठे थे, लेकिन मिस्टर गुप्ता उसे वहां कहीं नहीं दिखे शायद वह पार्टी से चले गए थे। मानवी को मिस्टर गुप्ता तो नहीं दिखे, लेकिन अपना सौतेला भाई जतिन वहीं खड़ा दिखा जहां मिस्टर गुप्ता बैठे थे। मानवी ने निराशा से जतिन की तरफ़ देखा। उसका दिल कड़ा हो गया और उसे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई। एक सेकेंड बाद, जतिन मुड़ा और वहां से चला गया। मानवी ने एक गहरी सांस ली तभी उसे महसूस हुआ कि उसका चेहरा शर्मिंदगी से लाल हो गया है। राजबीर ने इस दौरान मानवी की हर एक्टिविटी को गौर से देखा था, राजबीर को मानवी के चेहरे पर टेंशन और sadness साफ़ दिख रही थी। राजबीर ने जतिन के एक्सप्रेशन भी देखे और वो मुस्करा उठा। राजबीर को इस इंसीडेंट से क्लियर हो गया था कि मानवी का गुप्ता परिवार के साथ कोई न कोई लेना देना जरुर है। राजबीर ने मानवी के पास आकर कहा, "तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं लग रही हैं तुम्हारी सांस थोड़ी फूल रही है?" मानवी ने नाराजगी से राजबीर की ओर देखते हुए कहा "आपने ऐसा क्यों किया?" राजबीर बोला "क्या? तुम्हें kiss? मैंने तुमसे पहले ही कहा था, तुम्हें डांस सिखाने का यही एक टेक्निक है।" मानवी बोली "मैंने आपसे कब कहा था कि मुझे डांस सीखना है?" राजबीर ने जवाब दिया "लेकिन तुम मेरे साथ डांस फ्लोर तक आईं तो थीं ना" मानवी की मुंह से अचानक निकला..." लानत है तुम पर!” मानवी सबसे पहले तो इन हाई हील्स को उतारना चाहती थी जिनकी वजह से ये सब हो गया था। मानवी ने एक गहरी आह भरते हुए कहा "भूल जाओ, मैं अब उन चीज़ों के बारे में आपसे बहस नहीं करना चाहती जो हो चुकी हैं और जिन्हें अब बदला नहीं जा सकता। मैं थोड़ी थक गई हूँ और यहां से वापस जाना चाहती हूँ।" राजबीर बोला "पार्टीज में डांस करने के बाद ऐसा ही होता है मैं भी थक जाता हूँ। चलो साथ चलते हैं।" राजबीर ने अपना हाथ फिर से मानवी की कमर में डाला और क्लब से बाहर की ओर चला दिया। मानवी उन हाई हील्स की वजह से ठीक से चल नहीं पा रही थी ऊपर से राजबीर ने उसकी कमर में हाथ डाला हुआ था। राजबीर ने मानवी को ऐसे परेशान होते देख एक स्माइल पास की और बोला मानवी "अगर तुम नहीं चाहती कि मैं तुम्हें अपने कंधे पर उठाकर ले जाऊँ, तो बेहतर होगा कि तुम खुद ठीक से चलो।" मानवी तुरंत रुक गई राजबीर उसे एक दरवाजे से बाहर ले गया। मानवी बोली "तुम इतने दबंग क्यों हो?" राजबीर ने कहा "मैं बचपन से ही ऐसा हूँ इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता,मुझे हमेशा से ही दूसरों पर हावी रहने की आदत रही है।" मानवी बोली अच्छा तो "सब लोग इसीलिए मुझे तुम्हारे बारे में चेतावनी देते रहते हैं।" राजबीर ने कहा "लोग मुझे अच्छा या बुरा कहते रहें मगर इससे मुझे क्या लेना-देना? मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता लोगों को और काम ही क्या है" राजबीर की यह बात मानवी को बहुत सही लगी उसके लिए यह जरूरी नहीं था कि ये बात अच्छी थी या बुरी पर राजबीर की ऐसी बातें बेवजह मानवी के दिल में फिट बैठ जाती थीं। वे दोनों बैंक्वेट हॉल से बाहर आये और लिफ्ट लेने के लिए मुड़ गए। उन्होंने वहां जतिन को खड़े देखा, जो सामने खिड़की के पास खड़ा होकर smoke कर रहा था। जतिन को देखकर मानवी अपनी जगह पर रुक गई। जतिन ने भी अपनी सिगरेट बुझा दी. मानवी ने अपना सिर नीचे किया और राजबीर के साथ लिफ्ट की ओर चली गई जैसे कि उसने जतिन को देखा ही न हो। मानवी ने लिफ्ट में चढ़ते ही जल्दी से नीचे जाने के लिए बटन दबा दिया। लेकिन लिफ्ट धीरे-धीरे ही नीचे आई। जतिन एक पल के लिए खड़ा रहा, फिर वह भी जल्दी से आगे बढ़कर उसी लिफ्ट में चढ़ गया। मानवी ने अपनी आँख की कनखियों से उसे देखा और घबरा गई। वह सोचने लगी कि नीचे पहुंचने तक जतिन राजबीर को कुछ ना कहे मानवी मन ही मन प्रार्थना करने लगी कि उसका भाई ऐसा दिखावा करे कि वह उसे नहीं जानता और ऐसे व्यवहार करे जैसे वह कोई और हो। लेकिन... चीजें वैसी नहीं हुईं जैसा मानवी चाहती थीं। जतिन मानवी के पास आकर बोला "मानवी, मेरे साथ आओ।" जतिन ने मानवी की कलाई पकड़ ली और उसे लिफ्ट से अपने साथ ले जाने के लिए निकलने लगा। लेकिन मानवी जतिन की तरफ थोड़ा सा ही बढ़ी थी इससे पहले कि वो अगला कदम बढ़ा पाती, राजबीर ने उसका दूसरा हाथ पकड़ लिया और तेज आवाज में बोला "प्रेसिडेंट जतिन गुप्ता, क्या आप मेरे सामने ही मेरी प्रेमिका को जबरन यहां से ले जाने की कोशिश कर रहे हैं? क्या आपको मैं अंधा लगता हूँ?" जतिन की नज़रें राजबीर से मिलीं उन दोनों की आँखों में एक दूसरे के लिए तेज गुस्सा साफ़ झलक रहा था। मानवी का दिल तेजी से धड़क रहा था। उसने पहले जतिन की तरफ़ देखा और फिर राजबीर की! मन में ही situation को evaluate करते हुए मानवी ने एक सेकेंड में ही राजबीर की पकड़ से अपना हाथ वापस छुड़ाने की कोशिश की लेकिन राजबीर ने उसे बहुत कसकर पकड़ रखा था इसलिए वह इसमें success नहीं हो सकी। मानवी को इस तरह हाथ खींचते हुए देख राजबीर का दिल और गुस्से से भर गया राजबीर को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था कि मानवी ने उसकी जगह जतिन के साथ जाना चुना। राजबीर का ईगो जाग गया उसने मन‌ ही मन सोचा कि "क्या यह लड़की भूल गई है कि वह किसके साथ काम कर रही है?" और राजबीर ने अपना पूरा जोर लगाकर मानवी को अपनी ओर खींच लिया हाई हील्स पहने हुए, मानवी, जो मुश्किल से चल पा रही थी, तुरंत लड़खड़ाकर राजबीर की बांहों में आ गई। राजबीर के चेहरे पर एक confident smile झलक गई उसने मानवी की कमर को tight पकड़ते हुए अपनी body से चिपका लिया। और फिर जतिन की ओर बड़े courageous ढंग से देखा। जतिन की आँखों में राजबीर के लिए नफ़रत भर आई थी। लेकिन राजबीर इससे डरा नहीं उसने मानवी की ओर देखा,जो इस वक्त उसकी बाहों में थी, और अचानक से उसके माथे पर kiss करते हुए बोला "डार्लिंग, क्या तुम अभी किसी जल्दी में हो?" राजबीर के इस हरकत से मानवी शर्मिंदगी से लाल हो गई। लेकिन राजबीर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा वो अपने नशे में इससे भी आगे बढ़ा और उसने मानवी के दाएं गाल पर अपने हाथ से सहलाते हुए कहा "तुम इतना क्यों शरमा रही हो? तुम बहुत sweet हो। मैं तुम्हें देखकर खुद पर काबू नहीं रख पाता।" जतिन ने अपने दाँत पीस लिये । मानवी को यह महसूस हुआ कि जैसे उसकी रीढ़ की हड्डी में एक सिहरन दौड़ गई हो। मानवी राजबीर की पकड़ से छूटने के लिए struggle करती रही। तभी एकदम से लिफ्ट का दरवाज़ा खुल गया। मानवी ने अपनी मुट्ठियाँ भींच लीं और कांपती आवाज में कहा, "मिस्टर वर्मा क्या आप कार में मेरा इंतजार कर सकते हैं? मुझे जतिन के साथ कुछ बातें करनी हैं। मैं जल्दी ही आ जाऊंगी।" मानवी ऐसी लग रही थी जैसे वह राजबीर से भीख मांग रही हो। उसे उम्मीद थी कि राजबीर उसके साथ झगड़ा नहीं करेगा। आख़िरकार, मानवी अपने भाई के लिए कोई मुसीबत नहीं लाना चाहती थी। राजबीर ने अपना चेहरा ऊपर उठाया और situation को complicated करते हुए अपने माथे पर अजीब सी शिकन डाल ली। लेकिन फिर एक सेकेंड में ही उसके expression कुछ चेंज हुए और एक गहरी सांस लेते हुए राजबीर ने मानवी के बालों को वहां से सहलाया जहां से जबरदस्ती करते हुए मानवी के बाल उलझ गए थे। बालों को ठीक करते हुए राजबीर ने कहा "यह देखकर कि तुम कितनी sweet हो... मैं मान जाता हूॅं ! मुझे उम्मीद है कि तुम पहले नीचे आ जाओगी! वरना..." मानवी ने उसे बीच में टोकते हुए कहा "दस मिनट में आती हूॅं।" राजबीर ने अपना कोट उतारकर मानवी के कंधों को ढँकते हुए जतिन की तरफ़ एक ठंडी नज़र से देखा और वहां से चला गया। जैसे ही लिफ्ट का दरवाज़ा बंद हुआ, जतिन ने मानवी की कलाई पकड़ी और उसे सामने सीढ़ियों की तरफ़ लेकर चल दिया। लेकिन हाई हील्स की वजह से मानवी चल नहीं पा रही थी,वो जमीन पर लगभग घसीटते हुए गई। मानवी को ऐसे देखकर जतिन का दिल दुखी हो गया और वो रूककर मानवी की मदद करने लगा। मानवी ने मासूमियत से कहा, "जतिन भाई, मुझे नहीं पता कि ये हाई हील्स कैसे पहनते है। please थोड़ा धीरे चलिए।" जतिन नाराज़ होते हुए बोला " जब तुम्हें नहीं पता कि हाई हील्स कैसे पहनी जाती हैं, तो तुमने इन्हें क्यूं पहना।" लेकिन वह फिर तुरंत पलटा और उसकी मदद करने लगा। जतिन मानवी को सीढ़ियों तक ले गया। जतिन के expression शांत थे वह बोला मानवी "यह सब क्या चल रहा है?" मानवी किसी nursery क्लास की बच्ची की तरह दीवार के पास खड़ी थी जिसने कोई गलती कर दी हो। मानवी ने अपने पैर की उंगलियों की तरफ देखा, वह guilty लग रही थी उसके मुंह से सिर्फ़ इतना ही निकला भाई प्लीज़"मुझे माफ़ दो।" जतिन बोला "मुझे तुम्हारी माफी नहीं सुननी मैं बस यह जानना चाहता हूं कि सच क्या है? ये सब जो अभी पार्टी में हुआ ये क्या था? मानवी, तुम उस राजबीर के साथ आखिर क्यों हो? तुमने तो मुझसे कहा था कि तुम सिर्फ उसके भाई की ट्यूशन टीचर हो? लेकिन मैं आज ये सब क्या देख रहा हूं?" मानवी बस लगातार अपने पैरों को ही देखे जा रही थी। मानवी ने जवाब दिया "मैं उसके छोटे भाई की ट्यूशन टीचर ही हूं। मैं आज रात उसके साथ यहां इसलिए आई थी क्योंकि उसने कुछ दिन पहले एक बदमाश से मेरी जान बचाई थी जब मैं रात में अपने वर्क प्लेस पर काम कर रही थी। और जहां तक आज के scene की बात है जो आपने देखा...मानवी अपने होंठ चबाते हुए बोली "मुझे नहीं पता कि राजबीर ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया।" और वह सचमुच नहीं जानती थी कि राजबीर ने ऐसा क्यों किया था।

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