Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

अपने दिल-ए-मुज़्तर को बेताब ही रहने दो

ज़फ़र हमीदी

अपने दिल-ए-मुज़्तर को बेताब ही रहने दो

ज़फ़र हमीदी

MORE BYज़फ़र हमीदी

    अपने दिल-ए-मुज़्तर को बेताब ही रहने दो

    चलते रहो मंज़िल को नायाब ही रहने दो

    तोहफ़े में अनोखा ज़ख़्म हालात ने बख़्शा है

    एहसास का ख़ूँ दे कर शादाब ही रहने दो

    वो हाथ में आता है और हाथ नहीं आता

    सीमाब-सिफ़त पैकर सीमाब ही रहने दो

    गहराई में ख़तरों का इम्काँ तो ज़ियादा है

    दरिया-ए-तअल्लुक़ को पायाब ही रहने दो

    ये मुझ पे करम होगा हिस्से में मिरे दोस्त

    इख़्लास मुरव्वत के आदाब ही रहने दो

    इबहाम का पर्दा है तश्कीक का है आलम

    तुम ज़ौक़-ए-तजस्सुस को बेताब ही रहने दो

    मत जाओ क़रीब उस के तुम एक गहन बन कर

    आँगन में उसे अपना महताब ही रहने दो

    जब तक वो नहीं आता इक ख़्वाब-ए-हसीं हो कर

    तुम अपने शबिस्ताँ को बे-ख़्वाब ही रहने दो

    वो बर्फ़ का तोदा या पत्थर नहीं बन जाए

    हर क़तरा-ए-अश्क-ए-ग़म सैलाब ही रहने दो

    वो बहर-ए-फ़ना में ख़ुद डूबा है तो अच्छा है

    फ़िलहाल 'ज़फ़र' उस को ग़र्क़ाब ही रहने दो

    RECITATIONS

    नोमान शौक़

    नोमान शौक़,

    नोमान शौक़

    अपने दिल-ए-मुज़्तर को बेताब ही रहने दो नोमान शौक़

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

    GET YOUR PASS
    बोलिए