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दिल्ली के शायर और अदीब

कुल: 268

मुकेश

1941 - 1976

ग़ालिब और ज़ौक़ के समकालीन। वह हकीम, ज्योतिषी और शतरंज के खिलाड़ी भी थे। कहा जाता है मिर्ज़ा ग़ालीब ने उनके शेर "तुम मेरे पास होते हो गोया, जब कोई दूसरा नही होता" पर अपना पूरा दीवान देने की बात कही थी

उर्दू के अनोखी शैली के गद्यकार और शायर. ‘आब-ए-हयात’ के रचनाकार. उर्दू में आधुनिक कविता के आन्दोलन के संस्थापकों में शामिल.

उत्तर-क्लासिकी शायर, दाग़ देहलवी के रंग में शायरी के लिए मशहूर

सुप्रिसिद्ध लेखक जो फोर्ट विलियम कॉलेज से जुड़े रहे और उर्दू में आधुनिक गद्य की स्थापना में अहम किरदार निभाया

मुग़ल साम्राज्य के युवराज, शाह आलम सानी के बेटे

प्रमुख मर्सिया-निगार। मसनवी ‘सहर-उल-बयान’ के लिए विख्यात

प्रमुख क्लासिकी शायर, मीर दर्द के छोटे भाई।

प्रतिष्ठित शायर, अपने शेर " मोहब्बत के लिए कुछ ख़ास दिल मख़सूस होते हैं " के लिए मशहूर

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

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