इंतिज़ार
तुम अगली बार जब आना मुक़र्रर वक़्त पर आना
तुम्हारा मुंतज़िर कब से
मैं जिस टेबल पे बैठा हूँ
वहाँ से बाएँ जानिब ग्लास विंडो से
मैं अब तक गिन चुका हूँ
पिछले दस मिनटों में बावन गाड़ियाँ निकली हैं
इन में दो सफ़ारी पाँच ऑडी दस इनोवा आठ होंडा दस डिजायर और सतरह छोटी कारें थीं
सड़क पर आती जाती गाड़ियाँ गिनते हुए भी
वक़्त कटता ही नहीं ठहरा हुआ सा है
तुम अगली बार जब आना मुक़र्रर वक़्त पर आना
तुम्हारी राह तकते जाने कितनी बार
मैं इस रेस्तराँ की सीढ़ियाँ उतरा चढ़ा हूँ
अभी पिछले ही मौसम तक
सुनहरी धूप जब तक आख़िरी ज़ीने पे पहुँची
तीन बजते थे
मगर अब चार बजने को हैं
लेकिन धूप अब भी तीसरे ज़ीने पे अटकी है
तुम्हारी राह तकते बीत जाते हैं कई मौसम
तुम अगली बार जब आना मुक़र्रर वक़्त पर आना
मैं पिछली बार इस दीवार के नीचे खड़ा था
तब यहाँ पिछली सदी के राजसी कपड़ों में लिपटी
रानियों के पोस्टर चस्पाँ थे
लेकिन अब किसी मॉडर्न हीरोइन
की कुछ तस्वीरें लटकी हैं
तुम्हारी राह तकते बीत जाती हैं कई सदियाँ
तुम अगली बार जब आना मुक़र्रर वक़्त पर आना
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