Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
noImage

अहसन गुलफ़ाम

1998 | आज़मगढ़, भारत

अहसन गुलफ़ाम

ग़ज़ल 3

 

अशआर 8

ये शाइ'री का तकल्लुफ़ बदन पे अच्छा लिबास

सब इल्तिज़ाम उसी एक बे-वफ़ा के लिए

  • शेयर कीजिए

मुझ को दावा नहीं यूसुफ़ सा हसीं होने का

फिर भी है मेरा ज़ुलेख़ाओं में चर्चा साहब

  • शेयर कीजिए

अब कहाँ मिलता है आशिक़ कोई सच्चा साहब

ज़ख़्म ही कोई लगा दें मुझे अच्छा साहब

  • शेयर कीजिए

इतनी महँगाई है मरना भी अगर चाहूँ तो

ज़हर मिलता नहीं बाज़ार में सस्ता साहब

  • शेयर कीजिए

कहने को फ़क़त इब्न-ए-अली इब्न-ए-अली हैं

देखो तो कहीं जज़्बा-ए-हैदर नहीं मिलता

  • शेयर कीजिए

"आज़मगढ़" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए