Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर

ऐन इरफ़ान के शेर

1.5K
Favorite

श्रेणीबद्ध करें

तिश्नगी पीने की शब थी

आबजू होने का दिन था

कभी सोचूँ कि ख़ुद मैं लौट आऊँ

कभी सोचूँ कि ऐसा क्यूँ करूँ मैं

करता है कार-ए-रौशनी मुझ को जला के दिन

करती है कार-ए-तीरगी मुझ को बुझा के रात

बस एक धुन थी समुंदर को पार करने की

मैं जानता था समुंदर के पार कुछ भी था

गामज़न हैं हम मुसलसल अजनबी मंज़िल की सम्त

ज़िंदगी की आरज़ू में ज़िंदगी खोते हुए

हादिसा कौन सा हुआ पहले

रात आई कि दिन ढला पहले

मेरी तरफ़ सभी कि निगाहें थीं और मैं

जिस कश्मकश में सब थे उसी कश्मकश में था

जहाँ तक डूबने का डर है तुम को

चलो हम साथ चलते हैं वहाँ तक

ग़र्क़ होते जहाज़ देखे हैं

सैल-ए-वक़्त-ए-रवाँ समझता हूँ

बहुत नज़दीक थे तस्वीर में हम

मगर वो फ़ासला जो दिख रहा था

मिरा वजूद जो पत्थर दिखाई देता है

तमाम उम्र की शीशागरी का हासिल है

हो दिन कि चाहे रात कोई मसअला नहीं

मेरे लिए हयात कोई मसअला नहीं

बे-मक़्सद महफ़िल से बेहतर तन्हाई

बे-मतलब बातों से अच्छी ख़ामोशी

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 8-9-10 December 2023 - Major Dhyan Chand National Stadium, Near India Gate - New Delhi

GET YOUR PASS
बोलिए