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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Ata Turab's Photo'

अपनी ख़ूबसूरत ग़ज़लों के लिए मशहूर पाकिस्तानी शायर

अपनी ख़ूबसूरत ग़ज़लों के लिए मशहूर पाकिस्तानी शायर

अता तुराब के शेर

यूँ मोहब्बत से हम ख़ाना-ब-दोशों को बुला

इतने सादा हैं कि घर-बार उठा लाएँगे

चाहिए क्या तुम्हें तोहफ़े में बता दो वर्ना

हम तो बाज़ार के बाज़ार उठा लाएँगे

हाँ तुझे भी तो मयस्सर नहीं तुझ सा कोई

है तिरा अर्श भी वीराँ मिरे पहलू की तरह

तराश और भी अपने तसव्वुर-ए-रब को

तिरे ख़ुदा से तो बेहतर मिरा सनम है अभी

इश्क़ तो अपने लहू में ही सँवरता है सो हम

किस लिए रुख़ पे कोई ग़ाज़ा लगा कर देखें

तूफ़ान-ए-बहर ख़ाक डराता मुझे 'तुराब'

उस से बड़ा भँवर तो सफ़ीने के बीच था

क्या क्या प्यास जागे मिरे दिल के दश्त में

हसरत भी एक आग है लागे जो रात भर

वो इक सुख़न ही हमारी सनद बन जाए

वो इक सुख़न जो तुम्हारी सनद नहीं रखता

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