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aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

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Khatir Ghaznavi's Photo'

ख़ातिर ग़ज़नवी

1925 - 2008 | पेशावर, पाकिस्तान

अपनी ग़ज़ल 'गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए' के लिए विख्यात, जिसे कई गायकों ने गाया है।

अपनी ग़ज़ल 'गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए' के लिए विख्यात, जिसे कई गायकों ने गाया है।

ख़ातिर ग़ज़नवी के ऑडियो

ग़ज़ल

आरज़ूएँ ना-रसाई रू-ब-रू मैं और तू

नोमान शौक़

इक तजस्सुस दिल में है ये क्या हुआ कैसे हुआ

नोमान शौक़

कैसी चली है अब के हवा तेरे शहर में

नोमान शौक़

किस सम्त ले गईं मुझे इस दिल की धड़कनें

नोमान शौक़

गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए

नोमान शौक़

जफ़ाएँ बख़्श के मुझ को मिरी वफ़ा माँगें

नोमान शौक़

तिरी तलब थी तिरे आस्ताँ से लौट आए

नोमान शौक़

पहली मोहब्बतों के ज़माने गुज़र गए

नोमान शौक़

फ़रियाद भी है सू-ए-अदब अपने शहर में

नोमान शौक़

वहशतों का कभी शैदाई नहीं था इतना

नोमान शौक़

Recitation

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