सबा अकबराबादी, ख़्वाजा मोहम्मद अमीर (1908-1991) मशहूर शाइर जो मुशाइरों से दूर रहे। अगरा में पैदाइश। पहले सरकारी नौकरी की और फिर कई व्यवसायिक संस्थाओं से जुड़े रहे। आज़ादी के बाद कराची जा बसे। उमर ख़य्याम और मिर्ज़ा‘ग़ालिब’ की रुबाइयों का उर्दू अनुवाद किया। मर्सिये भी लिखे।