aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "دلوا"
रतन पंडोरवी
1907 - 1990
शायर
दिल्लू राम कौसरी
लेखक
अबदुस्सत्तार दलवी
born.1937
मैमूना दलवी
हिंदुस्तानी दवा घर, अमृतसर
पर्काशक
सअद ए दलवी
शमीम दलवी
फ़ारूक देवा
देसी दवा खाना, हैदराबाद
यूनानी दवा ख़ाना प्रेस, इलाहाबाद
मुम्ताज़ दवा ख़ाना, दिल्ली
हिंदुस्तानी दवा ख़ाना, दिल्ली
दारुल इशाअत कसबा देवा शरीफ़, बाराबंकी
देवा कॉटेज, पटना
अब्बासी दवा ख़ाना, जोनपुर
हामिद ने तअ'ज्जुब से पूछा, “ये लोग चोरी कराते हैं तो इन्हें कोई पकड़ता नहीं?” नूरी ने उसकी कोताह-फ़हमी पर रहम खा कर कहा, “अरे अहमक़! उन्हें कौन पकड़ेगा, पकड़ने वाले तो ये ख़ुद हैं, लेकिन अल्लाह उन्हें सज़ा भी ख़ूब देता है। थोड़े दिन हुए। मामूँ के घर में...
"अब फ़िक्र न करें" दाऊ जी ने सर झुकाए कहा, "ये हमारे आफ़ताब से भी ज़हीन है और एक दिन" अब के डाक्टर साहब को ग़ुस्सा आ गया और उन्होंने मेज़ पर हाथ मार कर कहा, "कैसी बात करते हो मुंशी जी! ये आफ़ताब के जूते की बराबरी नहीं कर...
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या हैआख़िर इस दर्द की दवा क्या है
“इसका ये मतलब है तुम मुझे अपना एड्रेस दे दोगी... मैं तुम्हें देख सकूँगा।” “तुम मुझे जब चाहो देख सकते हो... आज ही देख लो।”...
ज़िंदगी बड़ी हमवार गुज़र रही थी कि एका एकी हिंदू-मुस्लिम फ़सादात शुरू हो गए। दोनों भाईयों के वहम-ओ-गुमान में भी नहीं था कि उनके माल-ओ-जान और इज़्ज़त-ओ-आबरू पर हमला होगा और उन्हें अफ़रा-तफ़री और कसमपुर्सी के आलम में रियासत पटियाला छोड़ना पड़ेगी... मगर ऐसा हुआ। दोनों भाईयों को क़तअन मालूम...
अहमद फ़राज़ पिछली सदी के प्रख्यात शायरों में शुमार किए जाते हैं। अपने समकालीन में बेहद सादा और अद्वितीय शैली की वजह से उनकी शायरी ख़ास अहमियत की हामिल है। रेख़्ता फ़राज़ के 20 लोकप्रिय और सबसे ज़्यादा पढ़े गए शेर पेश कर रहा है जिसने पाठकों पर जादू ही नहीं किया बल्कि उनके दिलों को मोह लिया । इन शेरों का चुनाव बहुत आसान नहीं था। हम जानते हैं कि अब भी फ़राज़ के बहुत से लोकप्रिय शेर इस सूची में नहीं हैं। इस सिलसिले में आपकी राय का स्वागत है। अगर हमारे संपादक मंडल को आप का भेजा हुआ शेर पसंद आता है तो हम इसको नई सूची में शामिल करेंगे।उम्मीद है कि आपको हमारी ये कोशिश पसंद आई होगी और आप इस सूची को संवारने और आरास्ता करने में हमारी मदद करेंगें ।
टूटे हुए दिलों की शायरी
अगर आप हिज्र की हालत में हैं तो ये शायरी आप के लिए ख़ास है। इस शायरी को पढ़ते हुए हिज्र की पीड़ा एक मज़ेदार तजुर्बे में बदलने लगेगी। ये शायरी पढ़िए, हिज्र और हिज्र ज़दा दिलों का तमाशा देखिए।
दिलवाدلوا
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Unani Dawa Sazi
हकीम मोहम्मद मस्तान अली
तिब्ब-ए-यूनानी
Adabi wa Lisani Tehqeeq aur Taqabuli Adab
Urdu Mein Lisaniyati Tahqeeq
Dawa Ka Intikhab
दास बिशम्बर
औषिधि
Do Zabanein, Do Adab
इतिहास
Jadeed Unani Dawa Sazi
हकीम जि़ल्लुर्रहमान
Saidala Sanat Dawa Sazi
हकीम मोहम्मद कबीरुद्दीन
औषधि
Bambai Mein Urdu
महिलाओं की रचनाएँ
Compounders Guide
सय्यद मुम्ताज़ हुसैन
Jaibi Dawa Khana
महा नन्द
Aab-e-Kausar
काव्य संग्रह
कोकण और मुंबई के उर्दू लोक गीत
लोक गीत
Hindu Ki Naat Aur Manqabat
नात
Mahatma Gandhi, Urdu, Iqbal Aur Dusre Mazamin
आलोचना
Shumara Number-001,002
हिंदुस्तानी ज़बान
“तुम्हारी माँ बड़ी ख़ुश हुई बड़ी मेहरबानी है उनकी। मैं देखती हूँ कहाँ है शायद ग़ुसलख़ाने में हो। इतनी देर में मैं तैयार हो जाऊं।” उन गुंडों में से एक ने कहा, “तुम्हें क्या शहद लगा कर चाटेंगे। बैठी रहो, जहां बैठी हो। ख़बरदार जो तुम यहां से हिलीं, हम...
कुलसूम ने जवाब दिया, “मतलब ये कि अब वो रात को एक सेकेण्ड के लिए नहीं सोता। जहां खड़ा है, बस वहीं घंटों ख़ामोश खड़ा रहता है। महमूदा ग़रीब रोती रहती है, मैं कल उसके पास गई थी। बेचारी को कई दिन का फ़ाक़ा था। मैं बीस रुपये दे आई,...
“उफ़ प्यारी अम्मी और उनकी जान की दुश्मन!” एक दम उनका दिमाग़ क़ुलाँचें भरने लगा। कई दिन से अम्मी उन्हें अजीब-अजीब नज़रों से देखकर नायाब बो बो से कानाफूसी कर रही थीं। नायाब बो बो एक डायन है कम्बख़्त। भाई जान भी गुस्ताख नज़रों से देख देखकर मुस्कुरा रहे थे।...
ब्रिज मोहन अब बेकार था। जब उसकी जमा पूंजी ख़त्म हो गई तो उसने हर इतवार को फिर मुझसे बांद्रा जाने के लिए आठ आने मांगने शुरू कर दिए। मुझे अभी तक मालूम नहीं आध पौन घंटे में वो पीरन से क्या बातें करता था। वैसे वो बहुत अच्छी गुफ़्तगु...
“मैंने आज पहली दफ़ा तुम्हें देखा है।” “साला झूट मत बोलो... दो रोज़ देखता है।”...
और ये कह कर वो अपने बाप के कमरे से निकल गया। सट्टे की लत शराब की आदत से भी कहीं ज़्यादा बुरी होती है। ख़ान बहादुर इसमें कुछ ऐसे गिरफ़्तार हुए कि जायदाद... सबकी सब इस ख़तरनाक खेल की नज़र होगई।...
जो हुक्म कीजे तो मुर्दे में जान डलवा दूँमैं अहद-ए-पीरी में बीवी जवान दिलवा दूँ
पेट में एक खुरचन, कलेजा में एक तनाव, अंतड़ियां बल खा रही हैं। ऐसा मालूम हुआ कि गोद में किसी ने कुछ रख दिया। ये एक मोती की तरह सफ़ैद और सीप की तरह बड़ा फल था। डंडी में दो हरे हरे पत्ते भी लगे हुए थे। ऐसा मालूम होता...
دوست: چھوٹی لڑکی کا کیا حال ہے؟ مارکس: بے چاری کئ دن سے کھانسی اور بخار میں مبتلا ہے۔ بہت کمزور ہوگئی ہے شاید ہی بچے۔ کیوں کہ دوا دارو کے لیئے ایک پیسہ بھی پاس نہیں۔...
ساتھ ہی ایک اور گہرے راز کا انکشاف ہوتا ہے وہ یہ کہ اس ملک میں وہی شخص محبت کر سکتا ہے جو بہت اچھا گاتا ہو۔ جسے گانا نہ آتا ہو اس شخص کو اتنا سا بھی حق حاصل نہیں کہ محبت کے متعلق کچھ سوچے بھی۔ البتہ وہ...
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