aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "سیل_صدا"
सय्यद सबा वासती
born.1956
शायर
सय्यद सद्दाम गीलानी मुराद
born.1991
सय्यद सदरुद्दीन हुसैन ख़ाँ सदर
लेखक
सय्यद महमूद अली सबा
1907 - 1987
जावेद सबा
born.1958
सबा नक़वी
born.1940
अलीम सबा नवेदी
born.1942
सबा अज़ीमाबादी
सिब्त अली सबा
1935 - 1980
सब बिलग्रामी
born.1955
मुर्तइश आवाज़ की लहरें रहेंगी देर तकसाज़ चुप हो जाएँगे सैल-ए-सदा रह जाएगा
मौज-ए-हवा से काँप गया रूह का चराग़सैल-ए-सदा में डूब गई याद की धनक
हर एक सैल-ए-सदा को तू कर गया पायाबडुबो सकी न मिरी चाहतों की नहर तुझे
बह गई एक सदा सैल-ए-सदा में वर्नामैं तिरे शहर में इक शोर उठा ही जाता
अजीब सी सदा सुनीसदा-ए-बे-रिया सुनी
मीर तक़ी मीर 18 वीं सदी के आधुनिक उर्दू शायर थे। उर्दू भाषा को बनाने और सजाने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही है। ख़ुदा-ए-सुख़न के रूप में प्रख्यात, मीर ने अपने बारे में कहा था 'मीर' दरिया है सुने शेर ज़बानी उसकी अल्लाह अल्लाह रे तबीअत की रवानी उसकी। रेख़्ता उनके के 20 लोकप्रिय और सबसे ज़्यादा पढ़े गए शेर आपके सामने पेश कर रहा है। इन शेरों का चुनाव आसान नहीं था। हम जानते हैं कि अब भी मीर के कई अच्छे शेर इस सूची में नहीं हैं। इस सिलसिले में नीचे दिए गए टिप्पणी बॉक्स में आपके पसंदीदा शेर का स्वागत है। अगर हमारे संपादक मंडल को आप का भेजा हुआ शेर पसंद आता है तो हम इसको नई सूची में शामिल करेंगे।उम्मीद है कि आपको हमारी ये कोशिश पसंद आई होगी और आप इस सूची को संवारने और आरास्ता करने में हमारी मदद करेंगें ।
Ummeedein Kitni
ग़ज़ल
Islam Ki Khubiyan
इसरार-ए-तौहीद
Rahnuma-e-Duniya-o-Aakhirat
Iqbal Aur Ahl-e-Safa
सुहैल बुख़ारी
Urdu Adab Ki Ek Sadi
सय्यद अब्दुल्लाह
Ghalib Ba Sad Andaz
ब्रिजेन्दरा सयाल
Sidq-o-Safa
सैय्यद नासिर हुसैन
एजुकेशन / शिक्षण
Sayyad Abul Aala Maudoodi
अहमद अबु सईद
जीवनी
Urdu Tafaseer Beeswin Sadi Mein
डॉ. सय्यद शाहिद अली
Urdu Adab Beesvin Sadi me
सय्यद अली हसनैन ज़ेबा
Hazrat Shad Azeemabadi Ke Nau Ratan
Bad-e-Saba Ka Intezar
सय्यद मोहम्मद अशरफ़
अफ़साना
इतिहास
Baad-e-Saba Ka Intizar
तुम सुनाओगे नवेदें कितनीहम को तुम से थी उमीदें कितनी
ज़िंदगी धूप में बसर की हैबात लम्बी थी मुख़्तसर की है
ऐब तो होंगे चाँद तारे मेंसोचिए आप अपने बारे में
दर्द हद से गुज़र गया होगातेरा आशिक़ तो मर गया होगा
आज बरसो कि ख़्वाब धुल जाएँदर्द और इज़्तिराब धुल जाएँ
चलो कि ज़ख़्म कुरेदें ख़याल कैसा हैफिर अपने आप से पूछें कि हाल कैसा है
रंग आहंग-ए-हाल से पहलेवो हे ख़ुशबू ख़याल से पहले
तुम जो मेरे हाल से अंजान होजान लो तुम ही तो मेरी जान हो
दिल में इक दाग़ है सवालों काबे-ख़ुदी रक़्स है निढालों का
कई ज़ख़्म अब तक सँभाले हुए हैंक़लंदर के सीने पे छाले हुए हैं
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