आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "قوم"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "قوم"
नज़्म
शिकवा
तुझ को मालूम है लेता था कोई नाम तिरा
क़ुव्वत-ए-बाज़ू-ए-मुस्लिम ने किया काम तिरा
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
जवाब-ए-शिकवा
क़ौम मज़हब से है मज़हब जो नहीं तुम भी नहीं
जज़्ब-ए-बाहम जो नहीं महफ़िल-ए-अंजुम भी नहीं
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़
इस ढंग पर है ज़ोर तो ये ढंग ही सही
ज़ालिम की कोई ज़ात न मज़हब न कोई क़ौम
साहिर लुधियानवी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "قوم"
विषय
राष्ट्र
राष्ट्र
अन्य परिणाम "قوم"
नज़्म
मस्जिद-ए-क़ुर्तुबा
सूरत-ए-शमशीर है दस्त-ए-क़ज़ा में वो क़ौम
करती है जो हर ज़माँ अपने अमल का हिसाब
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
लेनिन
वो क़ौम कि फ़ैज़ान-ए-समावी से हो महरूम
हद उस के कमालात की है बर्क़ ओ बुख़ारात
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
26 जनवरी
मुजरिम हूँ मैं अगर तो गुनहगार तुम भी हो
ऐ रहबरना-ए-क़ौम ख़ता-कार तुम भी हो
साहिर लुधियानवी
नज़्म
ख़िताब ब-जवानान-ए-इस्लाम
تجھے اس قوم نے پالا ہے آغوش محبت ميں
کچل ڈالا تھا جس نے پائوں ميں تاج سر دارا
अल्लामा इक़बाल
शेर
ख़ुदा ने आज तक उस क़ौम की हालत नहीं बदली
न हो जिस को ख़याल आप अपनी हालत के बदलने का