aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "پلید"
सर्वेपल्ली गोपाल
लेखक
ईडन ग्राफ़िक्स एंड प्रिंटिंग प्लेस, भोपाल
पर्काशक
पलीज़ लाइब्रेरी, कोलकाता
पस-ए-मंज़र में सरकूब का महल था और खेलों का अफ़ई थेटर और मीलों तक फैले हुए एक वसीअ शहर के खंडर। तक्षशिला की गुज़िश्ता अज़्मत के पुर-शिकोह मज़हर। तीस और मारे गए।...
हिंदोस्तान की फ़ौज आ गई है! यहाँ हमारे गाँव में क्यों आ गई है। बॉर्डर तो तीन मील उधर है...! “ये फ़ौज यहाँ क्यों आई है बेटी?”, माई हैरान हो कर पुकारी, “कहीं ग़लती से तो नहीं आ गई! भाई फ़त्हदीन कहाँ है? उसे भेजो ना, वो उन्हें समझाए कि...
اسلام میں جو ڈالے تھے رخنے یزید نے ان رخنوں کو کیا زرہ تن پلید نے
पलीद कर के हमारे वजूद की मिट्टीहमारे नाम का सूरज निकल रहा है दोस्त
ज़ैबुन्निसा आँसू पोंछती और मुस्कुराती रही और मौलवी अबुल शमीम अहमद की दुकान को चल दिया। वहाँ बहुत से लोग जमा थे, जिनमें ज़्यादा तर औरतें थीं जो नाकों और होंटों पर उंगलियाँ रखे यूँ खड़ी थीं जैसे उनकी नज़रें रंग-रंग के कपड़ों के साथ सिल कर रह गई हों।...
पलीदپلید
unclean, polluted, impure
अपवित्र, नापाकः मल-दूपित्त, गंदा, दुष्ट, खवीस ।।
मुस्कुराइए प्लीज!
संजीव जैसवाल संजय
प्रथम बुक्स
Masala-e-Jawaz Lanat Yazeed Paleed
महर हुसैन बुखारी
इस्लामियात
Jawaharlal Nehru
जीवनी
The Palace Of God Man And Universe In Philosophic System Of Iqbal
जमीला ख़ातून
महिलाओं की रचनाएँ
Name Plate
दानिश हम्माद जाज़िब
अफ़साना
Stril Plain
अननोन ऑथर
Insaniyat Ka Platform
मिर्ज़ा पारस हंगोलवी
सामाजिक
अब्बा मज़ाक़ में अम्माँ को छेड़ा करते, “बेगम बादशाही से कुश्ती लड़ोगी?” “उई तौबा मेरी! आलिम-फ़ाज़िल बाप की बेटी” मेरी अम्माँ कान पर कान पर हाथ धर कर कहतीं, मगर वो नन्हे भाई से फ़ौरन फूपी को चैलेंज भिजवाते।...
बावजूद कि फ़िज़ा मुकद्दर सी थी फिर भी क़हक़हा पड़ गया। मेरी अम्माँ का मुँह और फूल गया। “क्या बच्चों की सी बातें हो रही हैं” नेशनल गार्ड के सरदार आला बोले, “जिनका सर न पैर। क्या इरादा है। यहाँ रहकर कट मरें?”...
ان رخنوں کو کیا زرہ تن پلید نے پاؤں میں پہنے موزہ گم راہی جہاں...
मैंने टोह लेनी चाही, “फिर उसे वापस क्यों नहीं भेजते?” ढूंढ़ो कुछ अ’र्से के लिए ख़ामोश हो गया। कान में अड़े हुए सिगरेट का टुकड़ा निकाल कर उसने सुलगाया और धुंए को नाक के दोनों नथुनों से बाहर फेंक कर उसने सिर्फ़ इतना कहा, “मैं नहीं चाहता कि वो जाये।”...
“अरी मरती क्यों नहीं,” नानी ने थोड़ी देर बाद उसे सहन में खट-पट करते सुन कर कहा। समझी ख़ानगी ने अब आँगन भी पलीद करना शुरू किया। कौन हरामी है जिसे आज घर में घुसा लाई है। पर सहन में घूर-घूर कर देखने पर नानी सहम कर रह गई। नन्ही...
हर एक दम से जान का हर-दम तपाक हैनापाक तन पलीद नजिस या कि पाक है
’’اے ہے کون اتنی دور جا کے مٹی پلید کرائے۔ مرو تو فرنگیوں کے ہاتھوں عاقبت خراب ہو۔‘‘ چچی نے تشریح کی۔ ’’بیگم اس کی تم چنتا نہ کرو، ہم انشاء اللہ پلین چارٹر کرا کے تمہاری میت لے آئیں گے‘‘...
'साहिर' जुनून-ए-शौक़ में क्या क्या नहीं कियामिट्टी पलीद की कभी इज़्ज़त ख़राब की
ریڈ کلف سے ہماری بے تکلفی، اس سفر نمونہ سقر میں سب سے کم تکلیف سائیکل کو اٹھانی پڑی۔ بلکہ ہمیں تو سائیکل بھی اٹھانی پڑی۔ آگے آگے رَیڈ کلف چل رہا تھا اور اس کے نقش قدم پر ہم۔ منجملہ دیگر فوائد و فضائل کے، ریڈ کلف کا ایک...
इसके पहले अफ़्सानों की ताज़गी रूसी क़ारी की नज़र में सिर्फ उसके जवान और बे-बाक अफ़्क़ार थे, लेकिन ग़ैर मुल्की क़ारी इस ख़ाम और सितम-कार अंदाज़-ए-बयान में ताज़गी महसूस करता था जिसके ज़रिये उसने अपनी दोज़ख़-नुमा दुनिया की तस्वीर-कशी की है। (कंटेम्परेरी रशियन नॉवेलिस्ट्स, सर्गपर्स्की।)...
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