आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "گبرو"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "گبرو"
तंज़-ओ-मज़ाह
मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी
कहानी
"जी।" अब ख़ून मेरे चेहरे तक उबल उबल कर आने लगा था। आप सोचिए आना चाहिए थे या नहीं?...
राजिंदर सिंह बेदी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "گبرو"
समस्त
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "گبرو"
तंज़-ओ-मज़ाह
मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी
नज़्म
दर्द-ए-दिल
क्यूँ डराते हैं अबस गबरू मुसलमाँ मुझ को
क्या मिटाएगी भला गर्दिश-ए-दौराँ मुझ को
चकबस्त बृज नारायण
कहानी
मिर्ज़ा अज़ीम बेग़ चुग़ताई
ग़ज़ल
हरम क्या दैर क्या दोनों ये वीराँ होते जाते हैं
तुम्हारे मो'तक़िद गबरू मुसलमाँ होते जाते हैं
अकबर इलाहाबादी
तंज़-ओ-मज़ाह
मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी
नज़्म
ईद का मेला
बच्चे बाले गबरू बूढे ख़ुश-वक़्त हुए ख़ुश-हाल हुए
झूलों में झूल के फूल बने फूटबाल बने भौंचाल हुए