aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "क्लर्क"
क़लक़ मेरठी
1832/3 - 1880
शायर
असद अली ख़ान क़लक़
1820 - 1879
अशफ़ाक़ क़लक़
born.1969
हकीम मौला बख़्श क़लक़
लेखक
जी. ग्लेनवुड क्लार्क
कोल. एच. विलबरफ़ोर्स क्लार्क
कलर प्रेस, दिल्ली
पर्काशक
कलर प्रिंटिंग प्रेस, दिल्ली
लेथो कलर प्रिंटर्स, अलीगढ़
वाल्टर वान टिलबर्ग क्लार्क
1909 - 1971
जे. सी. मार्शमैन
1794 - 1861
हेनरी विल्बेर्फोर्स क्लार्क
1840 - 1905
अनुवादक
मिरे जहमीम-ए-ज़ात-ए-ज़ात से तुम दूर ही ठहरोकोई 'ज़रयून' कोई भी क्लर्क और कोई कारिंदा
जो दुकानें बच रहीं, उनमें बेस्वाओं के भाई-बंदों और साज़िंदों ने अपनी चारपाइयाँ डाल दीं। दिन भर ये लोग उन दुकानों में ताश, चौसर और शतरंज खेलते, बदन पर तेल मलवाते, सब्ज़ी घोटते, बटेरों की पालियाँ कराते, तीतरों से “सुब्हान तेरी क़ुदरत” की रट लगवाते और घड़ा बजा-बजा कर गाते।...
सब रात मिरी सपनों में गुज़र जाती है और मैं सोता हूँफिर सुब्ह की देवी आती है
“क्यों नहीं देखते! ज़िला कचहरी के जितने मुंशी और क्लर्क हैं उन्हें कौन अच्छी नज़र से देखता है? रिश्वतें लेते हैं, झूट बोलते हैं और परले दर्जे के मक्कार होते हैं। मुझ में ऐसा कोई ऐ’ब नहीं, मैं अपनी रोज़ी बड़ी ईमानदारी से कमाता हूँ।” मैंने उससे पूछा, “किस तरह?”...
खज़ाने के तमाम कलर्क जानते थे कि मुंशी करीम बख़्श की रसाई बड़े साहब तक भी है। चुनांचे वो सब उसकी इज़्ज़त करते थे। हर महीने पेंशन के काग़ज़ भरने और रुपया लेने के लिए जब वो खज़ाने में आता तो उसका काम इसी वजह से जल्द जल्द कर दिया...
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क्लर्कکلرک
clerk
कुल्लियात-ए-क़लक़
कुल्लियात
Adeson
जीवनीपरक
दीवान-ए-क़लक़
दीवान
कलंक
सरला देवी
महिलाओं की रचनाएँ
Masnavi-e- Qalaq
मसनवी
Mazhar-e-Ishq
Kulliyat-e-Urdu-e-Qalaq
Cheetay Ke Nishan
मुंशी नवल किशोर के प्रकाशन
Masnawi Tilism-e-Ulfat
Gulistan-e-Nazuk Khayal
Wasokht Wa Qalaq Nama
वासोख़्त
पिरोजा ने तार देव की एक गली का पता बताया, अल्मास ने ज़रा इत्मिनान की सांस ली, तार देव मफ़्लूक-उल-हाल पार्सियों का मुहल्ला है। ‘‘मैं अपने चचा के साथ रहती हूँ मेरे वालिद का इंतिक़ाल हो चुका है, मेरे कोई भाई बहन भी नहीं, मुझे चचा ही ने पाला है,...
दूसरे वायसराय के दफ़्तर में क्लर्क थे जहाँ सुना कि बाहर आए हैं लड़कियाँ छेड़ना शुरू' कर देती थीं। कभी गिलौरियों में मिर्चें भर के भेज दीं। कभी सेवईयों में नमक डाल कर खिला दिया। ए लो, वो तो रोज़ आने लगे। आँधी आए, पानी आए, क्या मजाल जो वो...
इसी दौरान में बाबू धनी राम की तब्दीली सहारनपुर हो गई। वहाँ वह रेलवे मेल सर्विस में सेलेक्शन ग्रेड के हेड कलर्क हो गए। इतना बड़ा क्वाटर मिला कि उसमें आठ कुँबे रह सकते थे लेकिन बाबू धनी राम उसमें अकेले ही टांगे फैलाए खड़े रहते। ज़िंदगी भर वह बाल-बच्चों...
त्रिपाठी साहिब से मिल कर उसे कितनी ख़ुशी होगी और ख़ुद त्रिपाठी साहिब को भी यक़ीनन उससे मिल कर बड़ी मसर्रत हासिल होगी क्योंकि वो हिंदुस्तान का जवाँ अफ़्क़ार अफ़साना नवीस और तरक़्क़ी पसंद अदीब है। त्रिपाठी साहिब से वो हर मौज़ू पर गुफ़्तुगू करेगा। गीतों पर देहाती बोलियों पर...
शरीफ़ हुसैन क्लर्क दर्जा दोम, मामूल से कुछ सवेरे दफ़्तर से निकला और उस बड़े फाटक के बाहर आ कर खड़ा हो गया जहाँ से ताँगे वाले शहर की सवारियाँ ले जाया करते थे। घर लौटते हुए आधे रास्ते तक ताँगे में सवार हो कर जाना एक ऐसा लुत्फ़ था...
तीसरी साड़ी का रंग मटमैला नीला है। यानी नीला भी है और मैला भी और मटियाला भी है। कुछ ऐसा अजब सा रंग है जो बार-बार धोने पर भी नहीं निखरता बल्कि ग़लीज़ हो जाता है। ये मेरी बीवी की साड़ी है। मैं फ़ोर्ट में धन्नू भाई की फ़र्म में...
मैंने देखा है, मेराजुद्दीन टेलर मास्टर की दुकान पर बहुत से उ’म्दा-उ’म्दा सूट आवेज़ाँ होते हैं। उन्हें देखकर अक्सर मेरे दिल में ख़याल पैदा होता है कि मेरा अपना गर्म कोट बिल्कुल फट गया है और इस साल हाथ तंग होने के बावजूद मुझे एक नया गर्म कोट ज़रूर सिलवा...
मिर्ज़ा ने क्रिकेट में भी वही तीहा और तेवर दिखाए जो हम उनके मचीटों और मुआशक़ों में देखते चले आए थे। या’नी तकनीक कम और जोश ज़्यादा रवानगी से चंद मिनट पहले पैड के तस्मे बाँधते हुए उन्होंने एक मरखने से क्लर्क को ये हथकंडा बताया कि छक्का लगाने की...
रात को बड़े ज़ोर का झक्कड़ चला। सेक्रेटेरियट के लाॅन में जामुन का एक दरख़्त गिर पड़ा। सुबह जब माली ने देखा तो उसे मा'लूम पड़ा कि दरख़्त के नीचे एक आदमी दबा पड़ा है। माली दौड़ा-दौड़ा चपरासी के पास गया। चपरासी दौड़ा-दौड़ा क्लर्क के पास गया। क्लर्क दौड़ा-दौड़ा सुपरिटेंडेंट...
लेकिन मौलवी अबुल और ज़ैबुन्निसा की दुआ'एँ राइगाँ न गईं। उन्ही दिनों साबिक़ा ख़ुदा यार और हाल शमीम अहमद शहर से गाँव उठ आया और यहाँ कपड़े की छोटी सी दुकान खोल ली। ख़ुदा यार एक हाफ़िज़-ए-क़ुरआन का इकलौता बेटा था। वालिद के मरने के बाद मौलवी अबुल के हाँ...
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