आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "निगार"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "निगार"
नज़्म
सुब्ह-ए-आज़ादी (अगस्त-47)
कहाँ से आई निगार-ए-सबा किधर को गई
अभी चराग़-ए-सर-ए-रह को कुछ ख़बर ही नहीं
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
किसे ज़िंदगी है अज़ीज़ अब किसे आरज़ू-ए-शब-ए-तरब
मगर ऐ निगार-ए-वफ़ा तलब तिरा ए'तिबार कोई तो हो
अहमद फ़राज़
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "निगार"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "निगार"
नज़्म
तुलू-ए-इस्लाम
कोई अंदाज़ा कर सकता है उस के ज़ोर-ए-बाज़ू का
निगाह-ए-मर्द-ए-मोमिन से बदल जाती हैं तक़दीरें
अल्लामा इक़बाल
नज़्म
दुआ
आइए अर्ज़ गुज़ारें कि निगार-ए-हस्ती
ज़हर-ए-इमरोज़ में शीरीनी-ए-फ़र्दा भर दे
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
नज़्म
परछाइयाँ
बहुत दिनों से सितम-दीदा शाह-राहों में
निगार-ए-ज़ीस्त की इस्मत पनाह ढूँढती है