aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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लाला अनूप चंद आफ़्ताब पानीपति
1896 - 1968
शायर
अनूप जलोटा
born.1953
कलाकार
शाह मक़सूद मोहम्मद सादिक़ उनक़ा
लेखक
अनूप चंद्र पाण्डे
पर्काशक
इंक लिंक्स पब्लिशिंग हाउस पानपुर श्रीनगर कश्मीर
अंक़ा पब्लिशिंग
प्रिन्टालेगी इंक, न्यू दिल्ली
प्रिंटोलॉजी इंक, दिल्ली
मोनार्क मेनुफेक्चरिंग कंपनी बदायूं
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैंसो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइलजब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगावक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा
तपिश-अंदोज़ है इस नाम से पारे की तरहग़ोता-ज़न नूर में है आँख के तारे की तरह
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखोज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो
दिल के खज़ाने में नाकाम ख़्वाहिशों की कभी कमी नहीं रहती। ये हसरतें यादों की शक्ल में उदास करने के बहाने ढूंढती रहती हैं। उर्दू की क्लासिकी शायरी इन हसरतों के बयान से भरी पड़ी है। ज़िन्दगी के किसी न किसी लम्हे में शायर उस दौर को लफ़्ज़ देना नहीं भूलता जब हसरतें ही उसकी ज़िन्दगी का वाहिद सहारा रह गई हों। हसरत शायरी का यह इन्तिख़ाब पेश हैः
वहम एक ज़हनी कैफ़ियत है और ख़याल-ओ-फ़िक्र का एक रवैया है जिसे यक़ीन की मुतज़ाद कैफ़ियत के तौर पर देखा जाता है। इन्सान मुसलसल ज़िंदगी के किसी न किसी मरहले में यक़ीन-ओ-वहम के दर्मियान फंसा होता है। ख़याल-ओ-फ़िक्र के ये वो इलाक़े हैं जिनसे वास्ता तो हम सब का है लेकिन हम उन्हें लफ़्ज़ की कोई सूरत नहीं दे पाते। ये शायरी पढ़िए और उन लफ़्ज़ों में बारीक ओ नामालूम से एहसासात की जलवागरी देखिए।
ज़िन्दगी में बहुत कुछ ऐसा होता है जिसे इन्सान औरों से तो क्या ख़ुद से भी पोशीदा रखना चाहता है। ऐसे राज़ को सीने में छुपाए रखने की मुसलसल कोशिशें शायरी में भी अलग-अलग सूरतों में सामने आती रही हैं। यह राज़ अगर आशिक़ के सीने में हो तो मसअला और संगीन हो जाता है। आइये नज़र डालते हैं रेख़्ता के इस इन्तिख़ाब परः
Sir Syed Ahmad Khan Aur Unke Namwar Rufaqa
सय्यद अब्दुल्लाह
आलोचना
Dr. Nazeer Ahmad Ki Kahani Kuchh Meri Aur Kuchh Unki Zabani
मिर्ज़ा फ़रहतुल्लाह बेग
गद्य/नस्र
Maulvi Nazeer Ahmad Ki Kahani Kuchh Unki Kuchh Meri Zabani
Prem Chand Aur Unki Afsana Nigari
मोहम्मद अकबरुद्दीन सिद्दीक़ी
अफ़साना तन्क़ीद
सर सय्यद अहमद खाँ और उन का अहद
सुरैया हुसैन
शोध
Urdu Ki Maroof Khawateen Afsana Nigar Aur Unki Khidmaat
नईम अनीस
मज़ामीन / लेख
Hazrat Sultan Salahuddin Ayyubi Ki Zindagi
अननोन ऑथर
जीवनी
Kahawatein Aur Unke Hikayati-o-Talmeehi Pas-e-Manzar
शरीफ़ अहमद क़ुरैशी
मुहावरे / कहावत
सर सय्यद और उनके कारनामे
नूरुल हसन नक़वी
Dr. Nazeer Ahmad ki Khani Kuchh Meri Aur Kuchh Unki Zabani
Aankh Ansu Hui
वसीम बरेलवी
काव्य संग्रह
Bimariyan Aur Unka Nabatati Ilaj
हकीम राहत नसीम सोहदरवी
औषधि
हाफ़िज़ महमूद शीरानी और उनकी इल्मी-ओ-अदबी ख़िदमात
मज़हर महमूद शीरानी
Suhail Azeemabadi Aur Unke Afsane
वहाब अशरफ़ी
इंतिख़ाब / संकलन
Aankh Aur Khwab Ke Darmiyan
निदा फ़ाज़ली
नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आतीमगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं
क़हक़हा आँख का बरताव बदल देता हैहँसने वाले तुझे आँसू नज़र आएँ कैसे
न किसी की आँख का नूर हूँ न किसी के दिल का क़रार हूँकिसी काम में जो न आ सके मैं वो एक मुश्त-ए-ग़ुबार हूँ
ये सभी वीरानियाँ उस के जुदा होने से थींआँख धुँदलाई हुई थी शहर धुँदलाया न था
किसी आँख में नहीं अश्क-ए-ग़म तिरे बअ'द कुछ भी नहीं है कमतुझे ज़िंदगी ने भुला दिया तू भी मुस्कुरा उसे भूल जा
क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकताआँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता
मैं जिस की आँख का आँसू था उस ने क़द्र न कीबिखर गया हूँ तो अब रेत से उठाए मुझे
काश अब बुर्क़ा मुँह से उठा दे वर्ना फिर क्या हासिल हैआँख मुँदे पर उन ने गो दीदार को अपने आम किया
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