आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bandhiyaa"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "bandhiyaa"
नज़्म
हमेशा देर कर देता हूँ
मदद करनी हो उस की यार की ढारस बंधाना हो
बहुत देरीना रस्तों पर किसी से मिलने जाना हो
मुनीर नियाज़ी
ग़ज़ल
दिल-ए-'यकरू' है तिरा पाए बंधिया काकुल का
याद रख उस कूँ सदा मत कभू निस्यान में आ
अब्दुल वहाब यकरू
नज़्म
जवाब-ए-शिकवा
क़ैस ज़हमत-कश-ए-तन्हाई-ए-सहरा न रहे
शहर की खाए हवा बादिया-पैमा न रहे
अल्लामा इक़बाल
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "bandhiyaa"
ग़ज़ल
शह-ए-बे-ख़ुदी ने अता किया मुझे अब लिबास-ए-बरहनगी
न ख़िरद की बख़िया-गरी रही न जुनूँ की पर्दा-दरी रही
सिराज औरंगाबादी
नज़्म
ऐ इश्क़ हमें बर्बाद न कर
जिस दिन से बँधा है ध्यान तिरा घबराए हुए से रहते हैं
हर वक़्त तसव्वुर कर कर के शरमाए हुए से रहते हैं
अख़्तर शीरानी
नज़्म
कोई ये कैसे बताए
इस लुटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई
आस जो टूट गई फिर से बंधाता क्यूँ है
कैफ़ी आज़मी
ग़ज़ल
वो जब भी करते हैं इस नुत्क़ ओ लब की बख़िया-गरी
फ़ज़ा में और भी नग़्मे बिखरने लगते हैं