aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "chugad"
रसा चुग़ताई
1928 - 2018
शायर
इस्मत चुग़ताई
1915 - 1991
लेखक
मिर्ज़ा अज़ीम बेग़ चुग़ताई
1895 - 1941
शबनम रूमानी
1928 - 2009
अमीन राहत चुग़ताई
born.1930
अक़ील अब्बास चुग़ताई
born.1997
अब्दुर्रहमान चुग़ताई
1894 - 1975
आदम चुग़ताई
ज़ुहैर कंजाही
born.1933
वजद चुगताई
आलम फ़तहपुरी
1916 - 1989
मोहम्मद अब्दुल्ला चुग़ताई
सईदुल ज़फर चुग़ताई
कलीम चुग़ताई
born.1954
अम्बर चुग़ताई
लड़कों और लड़कियों के मआशिक़ों का ज़िक्र हो रहा था। प्रकाश जो बहुत देर से ख़ामोश बैठा अंदर ही अंदर बहुत शिद्दत से सोच रहा था, एक दम फट पड़ा, "सब बकवास है, सौ में से निन्नानवे मआशिक़े निहायत ही भोंडे और लच्चर और बेहूदा तरीक़ों से अमल में आते...
हर नमूने का चुग़द हाज़िर था इस दरबार मेंजैसे हर टाइप का आशिक़ कूचा-ए-दिलदार में
शोख़ था लिपटा हमारी पीठ सेहम चुग़द लिपटे रहे तस्वीर से
और सब को चुग़द बनाते हैंग़ैब की बात हम बताते हैं
कहता है कोई 'बूम' मुझे और कोई चुग़दउल्फ़त में तेरी मुझ को मिले हैं ख़िताब दो
चुग़दچغد
stupid, foolish person
उलूक, पेचक, उल्लू (वि.) मूर्ख बुद्धिहीन, मूढ़, उल्लू।
लिहाफ़
कहानियाँ
Chughad
सआदत हसन मंटो
पाठ्य पुस्तक
Tedhi Lakeer
उपन्यास
Saudai
सामाजिक
अफ़साना
Kaghazi Hai Pairahan
आत्मकथा
Choten
जगदीश चन्द्र विद्धावन
फ़िक्शन तन्क़ीद
Ismat Chughtai
सुल्ताना बख़्श
Ismat Chughtai Ki Novel Nigari
शबनम रिज़वी
नॉवेल / उपन्यास तन्क़ीद
Ek Qatra-e-Khoon
ऐतिहासिक
Ziddi
तीन अनाड़ी
वीराने से मेरे डर न ऐ चुग़दइक वक़्त तो याँ हुमा रहे हैं
तुझ से मिलने को बे-क़रार था दिलतुझ से मिल कर भी बे-क़रार रहा
कौन दिल की ज़बाँ समझता हैदिल मगर ये कहाँ समझता है
ये वहदत है कसरत में हर दम असीरमगर हर कहीं बे-चुगों बे-नज़ीर
तेरे आने का इंतिज़ार रहाउम्र भर मौसम-ए-बहार रहा
जिन आँखों से मुझे तुम देखते होमैं उन आँखों से दुनिया देखता हूँ
तिरे नज़दीक आ कर सोचता हूँमैं ज़िंदा था कि अब ज़िंदा हुआ हूँ
इक चुभन है कि जो बेचैन किए रहती हैऐसा लगता है कि कुछ टूट गया है मुझ में
बड़ी मुमानी का कफ़न भी मैला नहीं हुआ था कि सारे ख़ानदान को शुजाअ'त मामूँ की दूसरी शादी की फ़िक्र डसने लगी। उठत बैठते दुल्हन तलाश की जाने लगी। जब कभी खाने पीने से निमट कर बीवियाँ बेटियों की बरी या बेटियों का जहेज़ टाँकने बैठतीं तो मामूँ के लिए...
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