aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "fry"
फ़े सीन एजाज़
born.1948
शायर
लियो सी. फेय
लेखक
विलियम मैकडॉगल एफ़ आर एस
फ़्री इन्डिया वेलफ़ेयर सोसायटी, कोलकाता
पर्काशक
रिचर्ड नेल्सन फ्र्ये
1920 - 2014
इस सेठ का भेजा ज़रा जल्दी से निकालोइक मीट फ्राई करो इक अण्डा उबालो
कहती है फ़्रैंच-फ्राई बना कर दोमैं सोचती हूँ
मैं ने किया जो दाल-फ्राई का कुछ बयाँबोलीं कि मैं तो आप से ख़ासी थी ख़ुश-गुमाँ
हमारी अम्मी हैं नेक सीरत हमें मिली है इन्हीं से राहतसदा किचन में है काम उन का पका रही हैं चिकन फ्राई
अच्छी-ख़ासी रुस्वाई का सबब होती हैदूसरी औरत पहली जैसी कब होती है
नज़्मों का विशाल संग्रह - उर्दू शायरी का एक स्वरुप नज़्म, उर्दू में एक विधा के रूप में, उन्नीसवीं सदी के आख़िरी दशकों के दौरान पैदा हुई और धीरे धीरे पूरी तरह स्थापित हो गई। नज़्म बहर और क़ाफ़िए में भी होती है और इसके बिना भी। अब नसरी नज़्म गद्द-कविता भी उर्दू में स्थापित हो गई है।
अगर आपको बस यूँही बैठे बैठे ज़रा सा झूमना है तो शराब शायरी पर हमारा ये इन्तिख़ाब पढ़िए। आप महसूस करेंगे कि शराब की लज़्ज़त और इस के सरूर की ज़रा सी मिक़दार उस शायरी में भी उतर आई है। ये शायरी आपको मज़ा तो देगी ही, साथ में हैरान भी करेगी कि शराब जो ब-ज़ाहिर बे-ख़ुदी और सुरूर बख़्शती है, शायरी मैं किस तरह मानी की एक लामहदूद कायनात का इस्तिआरा बन गई है।
शायरी, या ये कहा जाए कि अच्छा तख़्लीक़ी अदब हम को हमारे आम तजर्बात और तसव्वुरात से अलग एक नई दुनिया में ले जाता है वह हमें रोज़ मर्रा की ज़िंदगी से अलग होते हैं। क्या आप दोस्त और दोस्ती के बारे में उन बातों से वाक़िफ़ है जिन को ये शायरी मौज़ू बनाती है? दोस्त, उस की फ़ित्रत उस के जज़्बात और इरादों का ये शेरी बयानिया आप के लिए हैरानी का बाइस होगा। इसे पढ़िए और अपने आस पास फैले हुए दोस्तों को नए सिरे से देखना शुरू कीजिए।
फ्राईفرائی
fry
Islami Tasawwuf Aur Sufi
शोध / समीक्षा
Niyaz Fatehpuri
विनिबंध
Mausam Badal Raha Hai
ग़ज़ल
Thoda Sa Tagore
Cheen Yaatra
सफ़र-नामा / यात्रा-वृतांत
La Shareek
शाइरी
मालकियोम-उद-दीन
Syria Mein Das Roz
Izdawaji Sukh
Europe Ka Safar Nama
साहिब-ए-फ़न
नज़्म
Wo Das Aur Doosri Kahaniyan
अफ़साना
Europe Ka Safarnama
Jheel Ke Bistar Par
मुंअकस
शायरी
मिल रही है मुझे ना-कर्दा गुनाहों की सज़ामेरे मालिक मिरे सज्दे मुझे वापस कर दे
हज़ारों साल की थी आग मुझ मेंरगड़ने तक मैं इक पत्थर रहा था
घर की मुश्किल कोई हल चाहती हैमुझ से वो ताज-महल चाहती है
'हनीफ़' भी कोई बोगस क्रिकेटर तो नहींमगर 'असर' से ज़ियादा फ़्री-हिटर तो नहीं
आँख और नींद के रिश्ते मुझे वापस कर देमेरे ख़्वाबों के जज़ीरे मुझे वापस कर दे
بچوں کی بولی والے الفاظ اور فقرے جو اس تقطیع میں آتے ہیں تقریباً سب کے سب ان لغات سے غائب ہیں، حتیٰ کہ ’’اکڑ بکڑ بمبے بو‘‘ تک نہیں جس میں مجروح سلطان پوری فلمی گانا بھی لکھ چکے ہیں۔ معلوم ہوا کہ بے معنی الفاظ جو لغت بننے...
आओ लॉन में बैठेंशाम का सूरज देखें
Zulaykha was the wife of Aziz, the Prime Minister of Egypt, who had bought Yusuf as a slave and brought him into his household. Yusuf was known as the most handsome man alive. In order to show how handsome he was, Zulaikha once called some of the noble ladies and...
समुंदर सर पटक कर मर रहा थातो मैं जीने की कोशिश कर रहा था
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books