aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "gupt"
अनंत गुप्ता
born.1990
शायर
सूर्यभानु गुप्त
born.1940
ध्रुव गुप्त
born.1950
कालीदास गुप्ता रज़ा
1925 - 2001
लेखक
राम अवतार गुप्ता मुज़्तर
born.1936
मैथिलीशरण गुप्त
1886 - 1964
निधि गुप्ता कशिश
born.1986
संदीप गुप्ते
born.1961
जौहर देवबंद
born.1912
शम्पा अंदलीब
born.1987
यशपाल गुप्ता
born.1928
सीमा गुप्ता
रजत गुप्ता अहद
1993 - 2020
अनुभव गुप्ता
भगवान चंदर गुप्त
ये दिल है कि जलते सीने में इक दर्द का फोड़ा अल्लहड़ साना गुप्त रहे ना फूट बहे कोई मरहम हो कोई निश्तर हो
दिल लगाने की भूल थे पहलेअब जो पत्थर हैं फूल थे पहले
रंज इस का नहीं कि हम टूटेये तो अच्छा हुआ भरम टूटे
कुछ दहशत हर बार ख़रीदाजब हम ने अख़बार ख़रीदा
उल्टे सीधे गिरे पड़े हैं पेड़रात तूफ़ान से लड़े हैं पेड़
गुप्तگپت
secret
हिंदुस्तान की जंग-ए-आज़ादी के अमर शहीदों की सच्ची कहानियाँ
मेवा राम गुप्त
भारत का इतिहास
Aurat
शियाराम शरण गुप्त
नॉवेल / उपन्यास
Hindustan Ki Jang-e-Azadi Ke Musalman Mujahideen
Dec 1988
Ilm-e-Keemiagari
बालमुकुंद गुप्त
Deewan-e-Ghalib Kamil
मिर्ज़ा ग़ालिब
दीवान
Premchand
प्रकाश चंद्र गुप्ता
विनिबंध
ग़ालिब
संकलन
जायसी-ग्रंथावली
माताप्रसाद गुप्त
काव्य संग्रह
तारीख़-ए-हिंदी फ़लसफ़ा
एस. एन. दास गुप्ता
दर्शन / फ़िलॉसफ़ी
Mujarrabat-e-Gupta
बाबू देवी दयाल गुप्ता
Asadulla Khan Ghalib Murd
मज़ामीन / लेख
Anar Kali Ke Kirdar Aur Tabsire
एम एल गुप्ता
ज़मीन की कहानी
धनवंत किशोर गुप्त
विज्ञान
Lalach Buri Bala Hai
कृष्ण गुप्त
कहानी
किसी नगर में एक राजा राज करता था। उसकी एक रानी थी। उस रानी को कपड़े और गहने का बहुत ज़्यादा शौक़ था। उसे कभी सोने का कर्ण-फूल चाहिए, कभी हीरे का हार तो कभी मोतियों की माला। कपड़ों की तो बात ही न पूछिए। भागल पुरी टसरावर, ढाके की...
अपने घर में ही अजनबी की तरहमैं सुराही में इक नदी की तरह
हर लम्हा ज़िंदगी के पसीने से तंग हूँमैं भी किसी क़मीज़ के कॉलर का रंग हूँ
जिन के अंदर चराग़ जलते हैंघर से बाहर वही निकलते हैं
हैं हवाओं में तल्ख़ियाँ शायदआँधियों में हो कुछ बयाँ शायद
कभी क़ुर्बत है फ़ासले हैं कभीदरमियाँ अपने बे-मज़ा क्या है
अगरचे सख़्त सफ़र है धुआँ घना होगाकहीं कोई तो मिरी राह देखता होगा
तन्हा मंज़र हैं तो क्यासात समुंदर हैं तो क्या
एक भटकी सदा सा रहता हूँआज-कल बे-पता सा रहता हूँ
गुप्त धनों का हाल बताया चोरों कोलोग वही जो चौकस थे निगरानी में
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books