aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "jap-jaap"
Pandit Jai Jai Ram Bahadur Raza
शायर
राम बहादुर रज़ा
जाँ निसार अख़्तर
1914 - 1976
हैरत इलाहाबादी
1835 - 1892
ऐश देहलवी
1779 - 1874
जय राज सिंह झाला
born.1998
जयश्री ठाकर शफ़क़
शाद लखनवी
1805 - 1899
मिर्ज़ा आसमान जाह अंजुम
नवाब मोअज़्ज़म जाह शजीअ
हकीम आग़ा जान ऐश
जय देव
लेखक
जाह कानपुरी
जान काश्मीरी
जान साहब
जप-जाप जोगियों का ना'रा क़लंदरों कातहज़ीब महफ़िलों की और शोर मय-कदों का
धज्जियाँ ऐसी उड़ा दर्द की मेरे जानाँहो मिरी आँख से बरसात तू जा जा जा जा
जब जब इस को सोचा हैदिल अंदर से महका है
फ़लक के ज़ाविए जब जबनई तश्कील पाएँगे
जब जब रफ़ाक़तों से गुज़रना पड़ा मुझेपुर-ख़ार वादियों में उतरना पड़ा मुझे
जाँ निसार अख़्तर को एक शायर के तौर पर उनकी नुमायाँ ख़िदमात के लिए पहचाना जाता है। जिन्हों ने रुमानवी और इन्क़िलाबी दोनों मौज़ूआत में महारत हासिल की। हम यहाँ उनकी कुछ नज़्मों का इंतिख़ाब पेश कर रहे हैं। पढ़िए और लुत्फ़ उठाइये।
अग्रणी आधुनिक उर्दू शायरों में शामिल। फ़िल्म गीतकार, ' फ़िल्म उमराव जान', के गीतों के लिए प्रसिद्ध। भारतीय ज्ञान पीठ एवार्ड से सम्मानित।
अग्रणी आधुनिक उर्दू शायरों में शामिल। फ़िल्म गीतकार , फ़िल्म “उमराव जान” के गीतों के लिए प्रसिद्ध। भारतीय ज्ञान पीठ एवार्ड से सम्मानित
जप-जापجپ جاپ
chanting
Jap Sahab Yani Zikre Ilahi
बाबा नानक
अनुवाद
Jap Ji Sahab Kalam-e-Guru Nanak
शायरी
Jap Ji
ख़्वाजा दिल मोहम्मद
Jap Ji Sahib
शकीलुर्रहमान
Yog Abhyas Aur Gayatri Jaap
ब्रह्मानंदम नंदा
औषधि
Jap Ji Sukhmani Sahab
सिख-मत
Jap Ji aur Sukh Mani Sahab
Jab Jab Phool Khile
मीना नाज़
सामाजिक
जब जब फ़ूल खिले
Jap Ji Sahab Ka Nasri Tarjuma
सरदार गुरबचन सिंह
Jap Ji Sahab
अननोन ऑथर
Shri Jap Ji Sahib
हिन्दू-मत
Jap Ji Sahab Asal Mahu Kashmiri Manzoom Tarjuma
फ़ाज़िल काश्मीरी
Jab Jab Wo Yaad Aye
मोहम्मद मज़ाहिरुलहक़
स्केच / ख़ाका
Deewan-e-Raza
दीवान
पा-शिकस्तों को जब जब मिलेंगे आपसर-ए-राह-ए-तलब मिलेंगे आप
जब जब परी ख़याल की तस्वीर खींचिएहर रंग-रंग ख़्वाब की ता'बीर खींचिए
ज़िक्र जब जब तुम्हारा निकलेगालफ़्ज़ लफ़्ज़ इस्ति'आरा निकलेगा
जब जब तुम को याद करें हमतब तब बारिश हो जाती है
ज़िक्र मेरा आएगा महफ़िल में जब जब दोस्तोरो पड़ेंगे याद कर के यार सब यारी मिरी
दर्द जब जब जहाँ से गुज़रेगाक़ाफ़िला हो के जाँ से गुज़रेगा
जब जब मैं ज़िंदगी की परेशानियों में थाअपनों के बावजूद भी तन्हाइयों में था
नफ़रतें जब जब बढ़ेंगी देखनाबस्तियाँ तब तब जलेंगी देखना
जान जाए अगर तो जाने देअपनी तस्वीर तो बनाने दे
रोना है बदा जिन्हें वो जम जम रोएँजब ऐश मुहय्या हो तो हम क्यूँ खोएँ
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