आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "phaa.nsii"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "phaa.nsii"
नज़्म
आदमी-नामा
चलता है आदमी ही मुसाफ़िर हो ले के माल
और आदमी ही मारे है फाँसी गले में डाल
नज़ीर अकबराबादी
पृष्ठ के संबंधित परिणाम "phaa.nsii"
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "phaa.nsii"
नज़्म
भारत के सपूतों से ख़िताब
फाँसी का जेल का डर दिल से 'फ़लक' मिटा कर
ग़ैरों के मुँह पे सच्ची बातें सुनाते जाओ
लाल चन्द फ़लक
ग़ज़ल
बहादुर शाह ज़फ़र
शेर
हमें दी जाएगी फाँसी हमारे अपने जिस्मों में
उजाड़ी हैं तमन्नाओं की लाखों बस्तियाँ हम ने
अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा
नज़्म
हुसूल-ए-आज़ादी की दिक़्क़तें
दाना-पानी कर दिया जाएगा बिल्कुल तुम पे बंद
तुम को भूखों मार के क़ब्ज़े में लाया जाएगा
अहमक़ फफूँदवी
ग़ज़ल
हमें दी जाएगी फाँसी हमारे अपने जिस्मों में
उजाड़ी हैं तमन्नाओं की लाखों बस्तियाँ हम ने