Font by Mehr Nastaliq Web

aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair

jis ke hote hue hote the zamāne mere

रद करें डाउनलोड शेर
Fani Badayuni's Photo'

फ़ानी बदायुनी

1879 - 1941 | बदायूँ, भारत

अग्रणी पूर्व-आधुनिक शायरों में शामिल, शायरी के उदास रंग के लिए विख्यात।

अग्रणी पूर्व-आधुनिक शायरों में शामिल, शायरी के उदास रंग के लिए विख्यात।

फ़ानी बदायुनी

ग़ज़ल 95

नज़्म 1

 

अशआर 89

हर नफ़स उम्र-ए-गुज़िश्ता की है मय्यत 'फ़ानी'

ज़िंदगी नाम है मर मर के जिए जाने का

सुने जाते थे तुम से मिरे दिन रात के शिकवे

कफ़न सरकाओ मेरी बे-ज़बानी देखते जाओ

  • शेयर कीजिए

इक मुअम्मा है समझने का समझाने का

ज़िंदगी काहे को है ख़्वाब है दीवाने का

ना-उमीदी मौत से कहती है अपना काम कर

आस कहती है ठहर ख़त का जवाब आने को है

हर मुसीबत का दिया एक तबस्सुम से जवाब

इस तरह गर्दिश-ए-दौराँ को रुलाया मैं ने

  • शेयर कीजिए

क़ितआ 2

 

रुबाई 3

 

पुस्तकें 42

चित्र शायरी 7

 

वीडियो 14

This video is playing from YouTube

वीडियो का सेक्शन
अन्य वीडियो

माहिर-उल क़ादरी

Chale bhi aao yeh hai qabr e fani

चित्रा सिंह

hosh e hasti se to begana banaya hota

मेहदी हसन

Ibtedaa-e-Zindagi

अज्ञात

Kamla Devi singing Fani Badayuni

अज्ञात

Kuch Hosh Ganwane ke churche

मेहदी हसन

Shouq Se Nakami Ki Badaulat

अज्ञात

ख़ुदा असर से बचाए इस आस्ताने को

अज्ञात

ख़ल्क़ कहती है जिसे दिल तिरे दीवाने का

हामिद अली ख़ान

ज़ब्त अपना शिआर था न रहा

नय्यरा नूर

मआल-ए-सोज़-ए-ग़म-हा-ए-निहानी देखते जाओ

अज्ञात

मेरे लब पर कोई दु'आ ही नहीं

मेहरान अमरोही

शौक़ से नाकामी की बदौलत कूचा-ए-दिल ही छूट गया

अज्ञात

ऑडियो 34

अब लब पे वो हंगामा-ए-फ़रियाद नहीं है

आँख उठाई ही थी कि खाई चोट

आह अब तक तो बे-असर न हुई

Recitation

संबंधित शायर

"बदायूँ" के और शायर

Recitation

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

Get Tickets
बोलिए